विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 13, 2019

नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र, पुलिस के साथ हुई झड़प

जामिया विश्वविद्यालय में NRC और नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में डेढ़ दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए हैं और कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है.

नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र, पुलिस के साथ हुई झड़प
विरोध कर रहे छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे गए
नई दिल्ली:

जामिया विश्वविद्यालय में NRC और नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में डेढ़ दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए हैं और कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है. मंगलवार को जामिया शिक्षक संघ और छात्रों ने नागरिकता कानून और NRC के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का ऐलान किया था लेकिन देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और पुलिस ने करीब बीस से तीस राउंड आंसू गैस चलाए और लाठीचार्ज भी किया. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इस प्रदर्शन में बाहरी लोगों के शामिल होने के चलते ये हालात बने. 

शिलांग में CAB का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े

इस बीच प्रदर्शन में शामिल छात्रों को कैंपस में लौटने के लिए जामिया शिक्षक संघ के महासचिव माजिद जमील लगातार लाउडस्पीकर से कोशिश करते रहे लेकिन छात्रों की भीड़ में कुछ बाहरी लोगों के आने से हालात बिगड़ने लगे. मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया जिसमें दर्जन भर से ज्यादा छात्र घायल हो गए.

CAB पर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच भारत-जापान के बीच गुवाहाटी में होने वाली शिखर बैठक टली

जामिया शिक्षक संघ के महासचिव प्रोफेसर माजिद जमील का कहना है कि बड़े अफसोस की बात है कि आज हिन्दुस्तान में जो कुछ हो रहा है उससे छात्र और शिक्षक सड़क पर हैं. हम इसका विरोध करते हैं क्योंकि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है ये हिन्दू या मुसलमान की बात नहीं है. छात्रों को इंटरनेशनल पॉलिटिक्स पढ़ाने वाले मोहम्मद सोहराब का कहना है कि इस बिल में न सिर्फ मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया है बल्कि द पिपुल आफ इंडिया का कांसेप्ट में हम आते ही नहीं है. हम सिटीजन नहीं बल्कि सब्जेक्ट हो गए हैं. हम पर सिटीजनशिप का नियम अप्लाई ही नहीं हो रहा है. 

असम में हिंसक प्रदर्शन के चलते इस सिंगर ने रद्द किया प्रोग्राम, कहा- मेरा राज्य जल रहा है, रो रहा है...

नॉर्थ इस्ट इंडिया स्टूडेंट यूनियन  रायसुल आलम का कहना है कि असम को ये नागरिकता संशोधन बिल नहीं चाहिए क्योंकि राजीव गांधी के समय ही ये तय हुआ था कि 1971 के बाद बाहरी नहीं आएंगे वो चाहि हिन्दू हो या मुसलमान. फिलहाल पुलिस की सख्ती और शिक्षकों के समझाने से छात्र कैंपस के अंदर चले गए हैं लेकिन NRC और नागरिकता कानून पर इस तरह के और प्रदर्शन आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
नीति आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल करना चाहिए: ममता बनर्जी
नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र, पुलिस के साथ हुई झड़प
बजट में टैक्‍स छूट पर एक्‍सपर्ट : वित्‍त मंत्री  डिस्टिंक्शन से पास, 4 करोड़ टैक्‍स पेयर्स को होगा फायदा
Next Article
बजट में टैक्‍स छूट पर एक्‍सपर्ट : वित्‍त मंत्री डिस्टिंक्शन से पास, 4 करोड़ टैक्‍स पेयर्स को होगा फायदा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;