नागरिकता क़ानून (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध में चले प्रदर्शनों के बीच हिंसा का सवाल अहम हो गया है. जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी मामले में ये सवाल बार-बार उठ रहा है कि आखिर हिंसा किसने की? पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बयान अलग-अलग हैं. पुलिस ने बहुत ज़ोर देकर ये बात कही है कि उसने जामिया में गोली नहीं चलाई, लेकिन अब जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वो कुछ और कहानी कह रहे हैं. इन वीडियो में पुलिसवाले न सिर्फ़ पिस्तौल लिए नज़र आ रहे हैं, बल्कि गोलियों की आवाज़ भी सुनाई पड़ रही है. अब पुलिस कह रही है कि इस वीडियो की जांच होगी. हालांकि एनडीटीवी इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें जामिया के तीन छात्रों का भी नाम है. रविवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद देश की कई यूनिवर्सिटी में छात्र प्रदर्शन पर उतर आए. गिरफ्तार किए गए सभी लोग अभी न्यायिक हिरासत में हैं. हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों में जामिया का एक भी छात्र शामिल नहीं है.
एनडीटीवी के पास मौजूद एफआईआर की कॉपी में आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग सीवाईएसएस के सदस्य कासिम उस्मानी, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य चंदन कुमार और स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिाया के सदस्य आसिफ तन्हा का नाम लिखा हुआ है. ये तीनों जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र हैं. इनके अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान का नाम भी एफआईआर में दर्ज है. वहीं, तीन अन्य स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर का भी नाम लिखा गया है.
VIDEO: NDTV Exclusive: कन्हैया कुमार का नरेंद्र मोदी पर निशाना-पीएम बनते ही भूल गए सभी मुद्दे
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं