नई दिल्ली:
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि केरल तट से लगे अरब सागर में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी सुरक्षाकर्मियों को वापस भारत न भेजने का इटली का फैसला 'शत्रुतापूर्ण कार्रवाई' है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया इस मामले में 'कूटनीति भूलकर' कार्रवाई करनी चाहिए।
राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए जेटली ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को इटली के राजदूत के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी विचार करना चाहिए। जेटली ने कहा, यह एक संप्रभु देश द्वारा केंद्र सरकार तथा सर्वोच्च न्यायालय के साथ सरासर धोखा है। यह राज्य प्रायोजित अपहरण का मामला है। उन्होंने कूटनीति के सभी नियमों को तोड़ा है। इसे अब शत्रुतापूर्ण कार्रवाई के रूप में देखा जाना चाहिए।
जेटली ने कहा कि इतालवी सुरक्षाकर्मियों के भारत लौटने के संबंध में चूंकि इटली के राजदूत ने सुप्रीम कोर्ट में वचनबद्धता दी थी, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, राजदूत ने सुप्रीम कोर्ट में इटली सरकार की ओर से वचनबद्धता दी थी। वचनबद्धता देने के बाद आपके पास कूटनीतिक विशेषाधिकार नहीं रह जाता है।
ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज एनरिका लेक्सी के दो सुरक्षा कर्मियों -मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने- को सर्वोच्च न्यायालय ने इटली में 24-25 फरवरी को हुए आम चुनाव में मतदान के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी थी। न्यायालय को बताया गया था कि वे चार सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे। यहां दोनों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। लेकिन भारत में इटली के दूतावास ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि सुरक्षाकर्मी नहीं लौटेंगे।
इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका पर गोली चलाने का आरोप है। इस घटना में दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।
राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए जेटली ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को इटली के राजदूत के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी विचार करना चाहिए। जेटली ने कहा, यह एक संप्रभु देश द्वारा केंद्र सरकार तथा सर्वोच्च न्यायालय के साथ सरासर धोखा है। यह राज्य प्रायोजित अपहरण का मामला है। उन्होंने कूटनीति के सभी नियमों को तोड़ा है। इसे अब शत्रुतापूर्ण कार्रवाई के रूप में देखा जाना चाहिए।
जेटली ने कहा कि इतालवी सुरक्षाकर्मियों के भारत लौटने के संबंध में चूंकि इटली के राजदूत ने सुप्रीम कोर्ट में वचनबद्धता दी थी, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, राजदूत ने सुप्रीम कोर्ट में इटली सरकार की ओर से वचनबद्धता दी थी। वचनबद्धता देने के बाद आपके पास कूटनीतिक विशेषाधिकार नहीं रह जाता है।
ज्ञात हो कि इटली के मालवाहक जहाज एनरिका लेक्सी के दो सुरक्षा कर्मियों -मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने- को सर्वोच्च न्यायालय ने इटली में 24-25 फरवरी को हुए आम चुनाव में मतदान के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी थी। न्यायालय को बताया गया था कि वे चार सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे। यहां दोनों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। लेकिन भारत में इटली के दूतावास ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि सुरक्षाकर्मी नहीं लौटेंगे।
इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका पर गोली चलाने का आरोप है। इस घटना में दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।
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