चेन्नई:
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने मंगलवार को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोई को 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में सिर्फ इसलिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए कि वह महिला हैं। जयललिता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जमानत के लिए यह गलत तर्क है। राजनीति में महिला होने के नाते आपको कोई रियायत नहीं मिलती। आपराधिक गतिविधियों के लिए भी यही नियम लागू होता है।" कनिमोई के वकील राम जेठमलानी ने इसके पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में नई दिल्ली में कहा था कि कनिमोई महिला हैं और वह कलैगनार टीवी के दैनिक कामकाज से सम्बद्ध नहीं रही हैं, इसलिए उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए। सीबीआई ने 25 अप्रैल के अपने पूरक आरोप पत्र में कनिमोई और शरद कुमार को 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में सह आरोपी बनाया था। इसके पहले सीबीआई ने कलैगनार टीवी के साथ हुए 214 करोड़ रुपये के एक अवैध लेने-देन को पकड़ा था। कलैगनार टीवी की बड़ी हिस्सेदारी डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि के परिवार के पास है। कनिमोई 20 मई से ही तिहाड़ जेल में हैं। जयललिता ने 2जी घोटाले पर बोलते हुए कहा कि लोगों का न्याय प्रणाली पर विश्वास फिर से बढ़ा है। उन्होंने कहा, "अंतत: कानून अपना काम कर रहा है।" जयललिता ने यह भी कहा कि उनकी सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस सम्बंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है कि पेरिस में एक भारतीय नागरिक को अलकायदा से सम्बंधों के कारण गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति मदुरै मूल का है। विधानसभा चुनाव के पूर्व आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के सम्बंध में जयललिता ने कहा कि तीन जून को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में कई घोषणाएं की जाएंगी।
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