राजस्थान में अब डेड बॉडी को लेकर प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है. इसे लेकर राजस्थान सरकार ने विधनसभा में 'राजस्थान मृतक शरीर के सम्मान का विधेयक' लाई है. इसमें मृतक व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं करने पर 2 साल से 5 साल तक जेल और जुर्माने का प्रावधान है. बीजेपी ने इस विधेयक का विरोध किया है.
हाल ही में राजस्थान विधनसभा में अशोक गहलोत सरकार के द्वारा 'राजस्थान मृतक शरीर के सम्मान का विधेयक' पास किया गया है. इस बिल के अनुसार, यदि मृतक के परिजन, नेता या परिवार के आलावा कोई अन्य व्यक्ति मृतक के शरीर का इस्तेमाल धरने या प्रदर्शन के लिए करता है, तो उसे 2 साल की सजा हो सकती हैं. अगर मृतक के परिवार के सदस्य मृतक का शरीर लेने से इनकार करते हैं, तो उसे 1 साल तक की सजा का प्रावधान है.
इस बिल में मृतक के शरीर का अंतिम संस्कार में देरी तभी की जाएगी, जब मृतक परिवार के सदस्य कही अन्यत्र जगह से आने वाले हो या डेड बॉडी का पोस्टमार्टम करना हो. यदि मृतक के परिवार के सदस्य या नेता मृतक के शरीर का किसी धरने या प्रदर्शन में इस्तेमाल करते पाए जाते हैं, तो उस डेड बॉडी को संबधित थानाधिकारी के द्वारा एसडीएम को सूचित कर बॉडी को पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करवाने का बिल में प्रावधान है.
राजस्थान सरकार के इस बिल का विरोध भी शुरू हो गया है. बीजेपी के विधायक रामलाल शर्मा ने 'राजस्थान मृतक शरीर के सम्मान का विधेयक' को लेकर कहा, "हक की लड़ाई के लिए वाजिब मांगों को लेकर सरकार सुने नहीं, पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करे, आरोपियों को गिरफ्तार करें नहीं, तो जनता के पास कौन-सा हथियार है. इस बिल से सिर्फ और सिर्फ पुलिस और अधिकारियों की तानाशाही बढ़ेगी."
दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के मंत्री टीकाराम जूली ने इस बिल को लेकर बताया, "बीजेपी को खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए. आज देश के अंदर क्या हो रहा है, किस प्रकार से लोग कर रहे हैं, किस प्रकार से देश के अंदर कानून लेकर आ रहे हैं. आज जो सरकारी एजेंसियां हैं, उनका दुरुपयोग किया जाता है. इनके खिलाफ कोई बोलता है, तो उनके यहां ईडी इनकम टैक्स के छापे पड़ जाते हैं. सीबीआई की रेड हो जाती हैं. सीबीआई जांच करने पहुंच जाती है. ये लोग इस प्रकार का काम कर रहे हैं. राजस्थान के अंदर डेड बॉडी का अंतिम संस्कार हमारी जो परंपरा है, जो हमारा इतिहास रहा है, जो एक सम्मान डेड बॉडी को देना चाहिए उसको लेकर ये कानून लाया गया है."
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