आइटीबीपी (ITBP) ने रविवार से विश्व के सबसे बड़े कोरोना केयर सेंटर का संचालन शुरू किया. इस सेंटर का नाम सरदार पटेल कोरोना केयर सेंटर है. इसके साथ ही अस्पताल में कोविड-19 (COVID-19) पॉजिटिव मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया गया है. दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह अब तक का सबसे बड़ा चिकित्सीय अभियान है, जहां एक ही केंद्र पर 10,000 से भी ज्यादा मरीजों को लाकर उनका इलाज किया जाना संभव हो सकेगा.
दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और डीजी एसएस देसवाल ने अस्पताल में सभी व्यवस्थाओं और सुविधाओं का जायजा लिया और आइटीबीपी के जवानों का हौंसला बढ़ाया. साथ ही अधिकारियों ने उप राज्यपाल को केंद्र की व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी दी.
देश के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर में आइटीबीपी के अलावा जिला प्रशासन दक्षिण दिल्ली और राधा स्वामी व्यास केंद्र द्वारा अन्य प्रकार की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है. पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी इस केंद्र का निरीक्षण किया था.
उम्मीद है कि आज से ही मरीजों को लाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसके लिए आईटीबीपी ने हॉस्पिटल में कंप्यूटराइज्ड रजिस्ट्रेशन सिस्टम चालू किया है. सभी मरीजों को ई वाहनों के माध्यम से केंद्र के अंदर तक लाया जाएगा. समस्त प्रक्रियाओं का कई बार रिहर्सल भी किया गया है. इस केंद्र में लगभग 1000 से भी ज्यादा डॉक्टरों और चिकित्सीय कर्मियों द्वारा सेवाएं दी जाएंगी, जिसमें आईटीबीपी और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के डॉक्टर्स और कर्मी शामिल होंगे.
इस केंद्र में दो स्तरीय व्यवस्था होगी, जिसमें 90% असिंप्टोमटिक मरीज भर्ती होंगे जबकि 10% विशेष निगरानी में रखे जाएंगे जो बेड्स ऑक्सीजन सपोर्ट से लैस होंगे. इस 10 प्रतिशत व्यवस्था को डेडीकेटेड हेल्थ केयर केंद्र के नाम से जाना जाएगा. यहां लगभग 100 एंबुलेंस और इतने ही वाहनों के परिचालन की व्यवस्था की गई है. सिक्योरिटी के लिए आइटीबीपी क्यूआरटी के अलावा कैंप के चारों तरफ आईटीबीपी के जवानों की कड़ी निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.
भारत चीन सीमा पर लगभग 3488 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में आइटीबीपी पिछले लगभग 58 वर्षों से देश के सीमाओं की सुरक्षा कर रही है. चीन से लगने वाली इस सीमा के बर्फ भरे इलाकों में लगातार निगरानी करने के कारण इन जवानों को 'हिमवीर' कहा जाता है. बता दें, इसके पहले आईटीबीपी ने कोरोना संक्रमण के पहले चरण में सबसे बड़ा केंद्र स्थापित किया था, जहां 1,200 से अधिक नागरिकों को इटली और चीन से लाकर क्वॉरेंटाइन किया गया था. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.
साथ ही मित्र देशों के 42 नागरिकों को भी यहां क्वारंटाइन किया गया था. आईटीबीपी ने उस समय पीपीई किट और फेस मास्क का निर्माण किया था जब देश में इसकी बहुत ज्यादा जरूरत थी. साथ ही इसने लॉकडाउन के दौरान देश के सुदूरवर्ती इलाकों तक नागरिकों को रसद सामग्री इत्यादि पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
दुनिया का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर आईटीबीपी के प्रशासन में चलेगा और इसकी पूरी तैयारियां सुनिश्चित करने के साथ ही अलग-अलग प्रकार के समन्वय और आवश्यक प्रशिक्षण आदि को पूरा कर लिया गया है. आईटीबीपी यहां नोडल एजेंसी के तौर पर सभी संबंधित एजेंसियों से मिलाप में रहते हुए इस केंद्र का संचालन करेगी.
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