कोझिकोड: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव, दत्तात्रेय होसबले ने गुरुवार को कहा कि भारत मानवता के लिए जीता है और कहा कि देश का मिशन अपने "सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन की अनूठी दृष्टि" के साथ दुनिया को एक प्रकाशस्तंभ के रूप में प्रकाश देना है.
केसरी वीकली द्वारा आयोजित 'अमृतशतम्' लेक्चर सीरीज़ को संबोधित करते हुए होसबाले ने कहा, "भारत मानवता के लिए जीता है. भारत का मिशन अपने सांस्कृतिक मूल्यों और अद्वितीय जीवन दृष्टि के साथ दुनिया को एक प्रकाशस्तंभ के रूप में प्रकाश देना है. इसके लिए भारतीयों में राष्ट्रवाद की प्रबल भावना को मजबूत करना जरूरी है. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने आरएसएस की स्थापना करके इसे हकीकत में बदल दिया."
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होसबोले ने आगे कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान संघ उभरते हुए फेज में था और आजादी के बाद एक राष्ट्रीय संगठन में तब्दील हो गया.
सेबल ने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उभरने और आजादी के बाद एक राष्ट्रीय संगठनात्मक शक्ति में परिवर्तित होने का इतिहास है. संघ के इतिहास को उसके संस्थापक के जीवन को समझे बिना नहीं समझा जा सकता. उन्होंने अपना पूरा जीवन एक आदर्श राष्ट्र के विचार को साकार करने के लिए समर्पित कर दिया.''
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उन्होंने कहा, "डॉ. हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे. वह बचपन से ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थे. बालगंगाधर तिलक के स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित होकर, उन्होंने विभिन्न क्रांतिकारी गतिविधियों में भी भाग लिया." आरएसएस नेता ने कहा कि हेडगेवार का उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से "राष्ट्रीय गौरव" हासिल करना था.
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