विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 12, 2023

इसरो साल 2040 तक चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा

परीक्षण वाहन (टीवी-डी1) की पहली विकास उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को लॉन्च की गई थी और इसने ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को अलग किया गया और बंगाल की खाड़ी से भारतीय नौसेना ने इसे सुरक्षित प्राप्त किया.

Read Time: 5 mins
इसरो साल 2040 तक चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा
मिशन के लिए चुने गए भारतीय वायु सेना के 4 पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं.
तिरुवनंतपुरम:

चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2040 तक चंद्रमा पर पहली बार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की अपनी योजना पर जोर-शोर से काम कर रहा है. बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी वर्तमान में देश के पहले मानवयुक्त मिशन गगनयान पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.

अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने कहा कि मिशन के लिए चुने गए भारतीय वायु सेना के चार पायलट बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

‘मनोरमा ईयरबुक 2024' के लिए एक विशेष आलेख में सोमनाथ ने लिखा, “इसरो का लक्ष्य गगनयान कार्यक्रम के साथ अंतरिक्ष अन्वेषण में अगला कदम उठाना है, जिसमें 2 से 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को तीन दिन तक कम पृथ्वी की कक्षा (एलईओ) में भेजने की योजना है, जिसके बाद उन्हें भारतीय जलक्षेत्र में पूर्वनिर्धारित जगह पर सुरक्षित रूप से उतारा जाएगा.''

मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का विकास शामिल है, जिसमें एक मानव-रेटेड (मानवों को सुरक्षित रूप से परिवहन करने में सक्षम) लॉन्च वाहन (एचएलवीएम 3), एक क्रू मॉड्यूल (सीएम) और सर्विस मॉड्यूल (एसएम), और मानव के रहने के अनुकूल एक ऑर्बिटल मॉड्यूल है. एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट, पैड एबॉर्ट टेस्ट और यान की प्रायोगिक उड़ानों के अलावा दो समान गैर-चालक दल मिशन (जी1 और जी2) मानवयुक्त मिशन से पहले होंगे.

क्रू मॉड्यूल अंतरिक्ष में चालक दल के लिए पृथ्वी जैसे वातावरण वाला रहने योग्य स्थान है और इसे सुरक्षित पुन: प्रवेश के लिए डिजाइन किया गया है. सुरक्षा उपायों में आपात स्थिति के लिए क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) भी शामिल है.

परीक्षण वाहन (टीवी-डी1) की पहली विकास उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को लॉन्च की गई थी और इसने ‘क्रू एस्केप सिस्टम' का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया. इसके बाद क्रू मॉड्यूल को अलग किया गया और बंगाल की खाड़ी से भारतीय नौसेना ने इसे सुरक्षित प्राप्त किया.

सोमनाथ ने कहा, ‘‘इस परीक्षण उड़ान की सफलता बाद के मानव रहित मिशन और 2025 में लॉन्च होने वाले अंतिम मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए महत्वपूर्ण है.''

उन्होंने कहा कि भारत का पहला सौर अन्वेषण मिशन आदित्य एल1 भी इसरो का एक महत्वपूर्ण मिशन है. यह लैग्रेंज पॉइंट-1 नामक स्थान से सूर्य पर अध्ययन करेगा, जो चंद्र और सौर अनुसंधान दोनों में देश की क्षमता का प्रदर्शन करेगा.

सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल-1) की ओर अपने इच्छित पथ पर है, जहां इसे जनवरी 2024 में हेलो कक्षा में स्थापित किया जाएगा.

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर, उन्होंने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया, जिसके चलते प्रधानमंत्री ने 23 अगस्त (चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग) को ‘भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' घोषित किया.

कुछ महत्वाकांक्षी आगामी मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी), पुन: इस्तेमाल वाला प्रक्षेपण यान (आरएलवी) कार्यक्रम, एक्स-रे एस्ट्रोनोमी मिशन एक्सपीओएसएटी (एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट), स्पेस डॉकिंग प्रयोग और एलओएक्स- मीथेन इंजन शामिल हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ, ये परिवर्तनकारी पहल भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में एक नयी अंतरिक्ष गाथा को परिभाषित करती हैं.''

उन्होंने कहा कि एसएसएलवी, तीन चरण वाला एक प्रक्षेपण यान है, जो 500 किलोग्राम के उपग्रह को 500 किमी की समतल कक्षा में लॉन्च कर सकता है और कई उपग्रहों को समायोजित कर सकता है.

सोमनाथ ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर भारत की उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' को चालू करने और ‘वीनस ऑर्बिटर मिशन' और मंगल ग्रह लैंडर की विशेषता वाले अंतरग्रहीय अन्वेषण जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आने वाले वर्षों में नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा.

ये भी पढ़ें- अक्टूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन 11.7 प्रतिशत बढ़ा, 16 महीने का उच्चस्तर

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
आपसे मुझे संरक्षण की उम्मीद...ओम बिरला को बधाई देते हुए बोले चंद्रशेखर आजाद
इसरो साल 2040 तक चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा
'पुष्पक की हैट-ट्रिक', इसरो ने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया पूरा
Next Article
'पुष्पक की हैट-ट्रिक', इसरो ने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया पूरा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;