भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 30 जून को सिंगापुर के तीन उपग्रहों को लेकर अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल)- 'पीएसएलवी-सी53' का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन शुरू कर दिया है. इस प्रक्षेपन को लेकर अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था. इस ट्वीट में एजेंसी ने लिखा था , 'पीएसएलवी-सी53/डीएस-ईओ मिशन: 30 जून, 2022 को भारतीय समयानुसार 18:02 बजे होने वाले प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.' पीएसएलवी-सी53 एनएसआईएल का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन है. यह पीएसएलवी का 55वां मिशन है.
बता दें कि इससे पहले इसी साल फरवरी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के 2022 के पहले प्रक्षेपण अभियान के तहत पीएसएलवी-सी 52 के जरिये धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को लॉन्च किया गया था. इसके लिए रविवार सुबह 25 घंटे की उलटी गिनती शुरू हुई थी. आज सुबह दो छोटे उपग्रहों के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान लॉन्च किया गया. ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट' था.
पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी लेकर गया था, जिसमें जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल था. इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा था. वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है. इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा.