आज कांग्रेस के लिए बड़ा दिन है. दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक है. इस बैठक से पहले ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ऐलान कर चुकी हैं कि वह अब और जिम्मेदारी नहीं संभालेंगी. फिलहाल चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा क्योंकि राहुल (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी पहले से ही ये जिम्मेदारी लेने से इनकार कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक पांच पन्नों की इस चिट्ठी में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, गुलाम नबी आजाद, पृथ्वीराज चह्वाण, विवेक तनखा, आनंद शर्मा सहित कई और भी बड़े नेताओं के हस्ताक्षर हैं. मिली जानकारी के मुताबिक इस चिट्ठी में एक पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व की मांग की गई है. लेकिन इसके साथ भी एक अहम बात और लिखी गई है जिसमें कहा गया है कि पार्टी को 'आत्मवलोकन' और शक्तियों की विकेंद्रीकरण, राज्य की इकाइयों का सशक्तिकरण और हर स्तर पर संगठनात्मक चुनाव कराने की भी मांग की गई है. लेकिन कांग्रेस के अंदर से ही इन नेताओं की जमकर आलोचना की जा रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उन्हें ऐसे किसी भी पत्र के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन अगर ये सच है तो दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके साथ ही अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि उनको पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए. वहीं सचिन पायलट ने सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी को अध्यक्ष पद की कुर्सी पर देखना चाहते हैं.
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इस चिट्ठी की वजह के बाद से कांग्रेस आपसी मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं. इसमें पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, भूपेश बघेल, सिद्दारमैया ने खुलकर गांधी परिवार के समर्थन में आ गए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि सोनिया गांधी को अभी इस पद पर बने रहना चाहिए इसके बाद राहुल गांधी को इसकी जिम्मेदारी संभालनी चाहिए. लेकिन इस बयानों और कयासबाजी के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके तिवारी ने गंभीर आरोप लगा दिया है. उन्होंने कहा कि इन नेताओं की चिट्ठी के पीछे बीजेपी का हाथ है, यह भगवा पार्टी का कांग्रेस मुक्त भारत का एजेंडा है. आपको बता दें कि केके तिवारी राजीव गांधी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बागडोर गांधी परिवार के पास रहनी चाहिए नहीं तो पार्टी बिखर जाएगी.
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तिवारी ने यह भी कहा कि जिन नेताओं ने चिट्ठी लिखी है उनमें ज्यादातर कभी चुनाव नहीं लड़े और ये सभी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के जाल में फंस गए हैं. उनका कहना है, 'बीजेपी और आरएसएस मिलकर कांग्रेस को कमजोर करने में जुटे हुए हैं. जिन नेताओं ने चिट्ठी लिखी है उन्होंने सालों तक नेहरू-गांधी परिवार के संरक्षण का लाभ उठाया है. वे लोग भाजपा के जाल में फंस गये और भाजपा-आरएसएस के इस दुष्प्रचार में सहयोग कर रहे हैं कि कांग्रेस खत्म हो गई है. वे भाजपा के सहयोगी हैं. वे उस खतरे को महसूस नहीं कर रहे हैं ,जो भाजपा-आरएसएस ने देश में लोकतंत्र बने रहने के लिये और इसकी एकता एवं अखंडता के समक्ष पेश किये हैं.' 1980 और 1984 में बिहार के बक्सर से सांसद रहे केके तिवारी ने कहा कि गांधी परिवार को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए. सोनिया गांधी को पार्टी प्रमुख बने रहना चाहिए लेकिन यदि वह अपने स्वास्थ्य कारणों से इस जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहती हैं तो वक्त आ गया है कि राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालें और इसे आगे ले जाएं.' (इनपुट भाषा से भी)
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