
ईरान और इजरायल संघर्ष हर गुजरते दिन के साथ तेज होता जा रहा है. दोनों ही ओर से एक दूसरे पर जमकर हमले किए जा रहे हैं. इस संघर्ष के कारण भारत में पेट्रोलियम संकट को लेकर आशंका जताई जा रही है. हालांकि आला सूत्रों ने कहा है कि ईरान-इजरायल संघर्ष से भारत में पेट्रोलियम संकट नहीं होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में हर शाम को बैठक कर हो रही है और स्थिति की निगरानी की जा रही है. साथ ही सूत्रों ने कहा कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने की भी कोई संभावना नहीं है.
सूत्रों ने ईरान और इजरायल संघर्ष को लेकर कहा कि वहां के हालात से भारत में चिंता की कोई बात नहीं है. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग से अधिक आपूर्ति है. भारत अपनी जरूरत के लिए अब चालीस देशों से कच्चा तेल खरीद रहा है, यह पहले 27 देशों से आता था.
भारत के पास जरूरत के लिए पर्याप्त भंडार: सूत्र
उन्होंने कहा कि भारत के पास जरूरत के लिए पर्याप्त भंडार हैं और भारत में दाम बढ़ने की भी कोई संभावना नहीं है. पिछले तीन साल में तीन बार नवंबर 21, मई 22 और मार्च 24 में पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की गई है.
भारत में 5.5 मिलियन बैरल प्रति दिन की खपत
भारत में हर दिन 5.5 मिलियन बैरल की खपत होती है. यहां केवल 1.5-2 मिलियन बैरल होर्मुज स्ट्रेट से आता है, जहां ईरान संकट का असर हो सकता है.
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता भी है तो दूसरे रास्ते से दूसरे उत्पादकों से कच्चा तेल मंगाया जा सकता है.
38 फीसदी कच्चा तेल रूस से मंगा रहा भारत
साथ ही सूत्रों ने बताया कि बाजार ने पहले ही इस बात का अनुमान लगा लिया कि अगर दूसरे रास्ते से तेल आता है तो ढुलाई और बीमा का खर्चा कितना आएगा.
भारत अपनी जरूरत का 38% कच्चा तेल रूस से मंगा रहा है. वहीं भारत की एलपीजी की जरूरत का पचास प्रतिशत घरेलू उत्पादन हो रहा है.
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