जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को यहां कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद अंतिम सांसें ले रहा है और निवेशकों को वहां निवेश करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने का मतलब भारत की एकता और अखंडता में निवेश होगा. सिन्हा यहां 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में आयोजित एक सेमिनार में संभावित निवेशकों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने लोगों से जम्मू-कश्मीर पर अपना ध्यान केंद्रित करने और वहां उद्यम स्थापित करके उसे देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में योगदान देने का आग्रह किया.
सिन्हा ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि भारत के पड़ोसी के नापाक इरादे सफल नहीं होंगे और जम्मू-कश्मीर की स्थिति, जिसका विशेष दर्जा केंद्र ने 2019 में समाप्त कर दिया था, जल्द ही देश के शेष हिस्सों के समान हो जाएगी.
उन्होंने कहा, '(जम्मू-कश्मीर में निवेश आकर्षित करने के लिए) अनुकूल माहौल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में निवेश का मतलब भारत में निवेश करना, भारत की एकता और अखंडता में निवेश करना तथा इसके एकीकरण को मजबूत बनाना है.'
उन्होंने निवेशकों से वादा किया कि वे केंद्रशासित प्रदेश में निवेश करने से लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा, 'आपको जम्मू-कश्मीर में (निवेश करके) अधिकतम लाभ मिलेगा और आप जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में भी योगदान देंगे. आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है. हमारा पड़ोसी हर बार अपनी ओर से पूरी कोशिश करता है, लेकिन हम केंद्रशासित प्रदेश से आतंकवादियों को खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं....'
सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात को 'भविष्य का प्रवेश द्वार' कहा है, लेकिन राज्य को देश की 'शारदा पीठ' जम्मू-कश्मीर के विकास में भी योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोग जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था को लेकर संदेह से भरे हुए थे, लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र शासित प्रदेश में अपराध दर गुजरात से भी कम है.
सिन्हा ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी नीत सरकार स्थायी रूप से शांति स्थापित करने में विश्वास करती है और मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर की स्थिति भी देश के बाकी हिस्सों जैसी ही होगी.'
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