नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी के खिलाफ जारी हुई इंटरपोल नोटिस.
पीएनबी घोटाला कर देश से फरार हुए हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन भी शातिर निकली. उसने मोटा हिस्सा लेकर भाई नीरव के कालेधन को सफेद कराया.नीरव मोदी की बहन पूर्वी दीपक मोदी कई फर्जी कंपनियों की मालकिन और निदेशक थीं, जिसका उद्देश्य मनी लांड्रिंग यानी कालेधन को सफेद करना था. इस काम के दौरान बहन को भी खासा फायदा हुआ. खुद ईडी के एक अफसर ने इसकी पुष्टि की.इंटरपोल ने उसके खिलाफ 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले मामले में सोमवार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में नीरव मोदी मुख्य आरोपी है.प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, "पूर्वी मोदी ने पीएनबी घोटाले के जरिए किए जाने वाले अपराध के दौरान धनशोधन(मनी लांड्रिंग) करने में बड़ी भूमिका निभाई. उसे घोटाले की राशि का लगभग 13.3 करोड़ डॉलर का फायदा हुआ."
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उन्होंने कहा, "वह कंपनियों के जरिए अपराध की प्रक्रिया के दौरान मनी लांड्रिंग करने वाली कंपनियों की निदेशक थी. कंपनी का नाम फाइन क्लासिक एफजीई(यूएई), लिली माउंटेन इंवेस्टमेंट, प्रिस्टन होल्डिंग लिमिटेड, नोवेलार इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड, इस्लंगटन इंटरनेशनल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और बेलवेडरे ग्रुप होल्डिंग्स है."
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अधिकारी ने कहा, "इन कंपनियों में आपराधिक तरीके से इकट्ठे किए गए धन को बहुत ही जटिल तरीके से प्रबंधित किया गया था." प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने यह बयान इंटरपोल द्वारा पूर्वी मोदी के खिलाफ धनशोधन मामले में रेड कार्नर नोटिस जारी करने के तुरंत बाद दिया है। निदेशालय ने इंटरपोल से यह आग्रह किया था.अगस्त में, मुंबई की एक विशेष अदालत ने नीरव मोदी की बहन पूर्वी और भाई निशल को अदालत के समक्ष 25 सितंबर तक पेश होने के लिए समन जारी किया था. दोनों बेल्जियम के नागरिक हैं.
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अदालत ने यह भी कहा था कि अगर दोनों अदालत के समक्ष पेश होने में विफल रहते हैं तो नए भगोड़ा अपराधी अधिनियम के तहत उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है.इंटरपोल ने बीते सप्ताह नीरव मोदी के करीबी सहयोगी मिहिर भंसाली के विरुद्ध इसी मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.ईडी ने खुलासा किया कि पूर्वी के नाम और उनके कंपनियों के नाम से बारबाडोस, मॉरीशस, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, ब्रिटेन और हांगकांग जैसे देश में बैंक खाते खोले गए.उन्होंने कहा, "पीएनबी से गबन किए गए 500 करोड़ रुपये की राशि उपर्युक्त कंपनियों के माध्यम से विदेश प्रत्यक्ष निवेश(एफडीआई) के जरिए फायरस्टार इंडिया में निवेश किए गए." धनशोधन( मनी लांड्रिंग) करने के अलावा, पूर्वी मोदी ने अपने स्वामित्व वाले फर्जी कंपनियों के नाम पर विदेशों में संपत्तियां भी खरीदी.(इनपुट-IANS से)
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उन्होंने कहा, "वह कंपनियों के जरिए अपराध की प्रक्रिया के दौरान मनी लांड्रिंग करने वाली कंपनियों की निदेशक थी. कंपनी का नाम फाइन क्लासिक एफजीई(यूएई), लिली माउंटेन इंवेस्टमेंट, प्रिस्टन होल्डिंग लिमिटेड, नोवेलार इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड, इस्लंगटन इंटरनेशनल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और बेलवेडरे ग्रुप होल्डिंग्स है."
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अधिकारी ने कहा, "इन कंपनियों में आपराधिक तरीके से इकट्ठे किए गए धन को बहुत ही जटिल तरीके से प्रबंधित किया गया था." प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने यह बयान इंटरपोल द्वारा पूर्वी मोदी के खिलाफ धनशोधन मामले में रेड कार्नर नोटिस जारी करने के तुरंत बाद दिया है। निदेशालय ने इंटरपोल से यह आग्रह किया था.अगस्त में, मुंबई की एक विशेष अदालत ने नीरव मोदी की बहन पूर्वी और भाई निशल को अदालत के समक्ष 25 सितंबर तक पेश होने के लिए समन जारी किया था. दोनों बेल्जियम के नागरिक हैं.
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अदालत ने यह भी कहा था कि अगर दोनों अदालत के समक्ष पेश होने में विफल रहते हैं तो नए भगोड़ा अपराधी अधिनियम के तहत उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है.इंटरपोल ने बीते सप्ताह नीरव मोदी के करीबी सहयोगी मिहिर भंसाली के विरुद्ध इसी मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.ईडी ने खुलासा किया कि पूर्वी के नाम और उनके कंपनियों के नाम से बारबाडोस, मॉरीशस, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, ब्रिटेन और हांगकांग जैसे देश में बैंक खाते खोले गए.उन्होंने कहा, "पीएनबी से गबन किए गए 500 करोड़ रुपये की राशि उपर्युक्त कंपनियों के माध्यम से विदेश प्रत्यक्ष निवेश(एफडीआई) के जरिए फायरस्टार इंडिया में निवेश किए गए." धनशोधन( मनी लांड्रिंग) करने के अलावा, पूर्वी मोदी ने अपने स्वामित्व वाले फर्जी कंपनियों के नाम पर विदेशों में संपत्तियां भी खरीदी.(इनपुट-IANS से)
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