भगोड़े अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पंजाब पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया. अब उसे असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया. खुफिया एजेंसियों के हवाले से जानकारी मिली है कि अमृतपाल अमृतसर (Amritsar) देहात के जल्लुपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है. जो कि 25 सिंतबर 2022 से हिंदुस्तान में मौजूद है. वो साल 2012 में दुबई गया था, और वहां संधू कार्गो कंपनी जिसे उसके पिता तरसेम चलाते थे उसमे काम करता था. बताया जा रहा है कि अमृतपाल एकदम कट्टरपंथी विचारधारा वाला शख्स है, और भिंडरावाले के ऑडियो कैसेट सुनने का शौक रखता है.
अमृतपाल सिंह जब तक दुबई (Dubai) में रहा, तब इसने न पगड़ी बांधी और न बाल लम्बे रखे. पिछले 4- 5 सालों से वो सोशल मीडिया पर एक्टिव है, और अक्सर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये पंजाब और सिखों से जुड़े धार्मिक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपना भाषण देता रहा है. इसके दुबई के पांच मोबाइल नंबर थे. सोशल मीडिया एकाउंट भी है. साल फरवरी 2022 में दीप सिद्धू की मौत के बाद सिमरजीत सिंह मान ने अमृतपाल को वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) का प्रमुख बनाया था. अमृतपाल हिंदुस्तान आने के पहले अमृतपाल जॉर्जिया देश मे एक महीने तक रुका हुआ था जहां इसे आईएसआई ने ट्रेनिंग दी.
20 अगस्त साल 2022 को जैसे ही अमृतपाल सिंह एकदम से हिंदुस्तान आया उसका यहा भव्य स्वागत किया गया. जहां वो अपने भड़काऊ भाषणों के जरिये पंजाब में बहुत मशहूर हुआ. ये अक्सर अपने भाषण से सिखों को यह कहकर भड़काया करता था कि सिखों को गुलामी की बेड़ियों से बाहर आने की जरूरत है. अमृतपाल ईसाई समुदायों को लगातार टारगेट कर रहा था. उसके निशाने पर ईसाई समुदाय से जुड़े कई प्रतिष्ठित लोग भी थे. हाल ही में अमृतपाल ने वहवाल इंसांफ मोर्चा जो की आतंकियों की बरसी पर मनाई जाती है उसमें शिरकत की थी, वो अक्सर कट्टरपंथियों से चाहे वो राजनीति से जुड़े हो या फिर धर्म से उनसे अपने रिश्ते मजबूत कर रहा था.
अमृतपाल की पंजाब में बढ़ती लोकप्रियता कट्टरपंथियों को चुभ रही थी, वह अपनी कट्टरपंथी गतिविधियों को धार्मिक आड़ और चोले में छिपाकर लोगों को गुमराह कर रहा था. 25 सितंबर 2022 को देखते ही देखते अमृतपाल ने बड़ा धार्मिक चोला ओढ़ लिया. लेकिन उसके पीछे एक दूसरा अमृतपाल छुपा हुआ था. 23 नवंबर साल 2022 से वह श्री अकाल तख्त साहिब से तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक पैदल मार्च का कार्यक्रम बनाने का प्लान किया था ताकि वो सिखो के बीच हर गांव शहर हर कस्बे में अपने अमृत संचार का प्रोपेगेंडा फैलाया
कानून का मजाक उड़ाते हुए अमृतपाल के जितने भी अंगरक्षक थे. वो कानून के आदेश का मजाक उड़ाते हुए खुले में हथियार लहराते हुए जाते हैं. अमृतपाल ने अपने गांव में एक नशा मुक्ति केंद्र भी खोला, नवंबर 2022 में और इसी नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में वह युवाओं को भड़का रहा था और उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग दे रहा था. अपने परिवार की मौजूदगी में वो उन ड्रग्स एडिक्ट की खुद मसाज करता था ताकि उसे लोग मसीहा समझने लगे, यह भी अमृतपाल का एक प्रोपेगेंडा था ताकि वह इन्हीं में से टैलेंट हंट एक्सरसाइज के जरिए अपने हार्डकोर सपोर्टर जिन्हें मरजी वाराज कहा जाता है, उन्हें तलाश रहा था.
अमृतपाल के बेहद खास करीबी
हरजीत सिंह अमृतपाल का चाचा.
हरमेल सिंह जोडे प्रेसिडेंट ऑफ ए एस आर आर, यूथ विंग ए एस डी.
वसंत सिंह अमृतपाल का पीएस.
सुखदीप सिंह पहले दीप सिद्धू का खासम-खास था. जो कि फिलहाल अमृतपाल से जुड़ा हुआ हैं.
बलजिंदर सिंह अमृतपाल के पारिवारिक संबंध है.
जगमोहन सिंह उर्फ जग्गू पेशे से किसान और अमृतपाल का कट्टर समर्थक.
गुरमीत सिंह बुक्कन वाला वारिस पंजाब का स्टेट कमिटी मेंबर.
बघेल सिंह वारिस पंजाब का डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट यह वही शख्स है. जिसने लाल किले पर 26 जनवरी 2022 को केसरी झंडा लहराया था लेकिन अब अमृतपाल के कहने पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता था.
दलजीत कलसी पेशे से एक्टर और अमृतपाल का कथित फाइनेंसर.
हरप्रीत सिंह देवगन पटियाला में एक होटल का मालिक और इसका कट्टर समर्थक.
एसपीएस ओबेरॉय मैनेजिंग ट्रस्टी ऑफ शरबत द भाला.
जॉन सिंह सिख फॉर जस्टिस का एक्टिव मेंबर रेफरेंडम 2020 का हर एक्टिविटी में पार्ट लेने वाला महत्वपूर्ण सदस्य.
इमाम सिंह YAD का का संस्थापक जॉन सिंह का करीबी.
सुरजीत नाट इस शख्स ने वारिस पंजाब को कनाडा से ₹100000 भेजें और इसमें गुरदीप सिंह जो कि संगरूर का रहने वाला है. उसे अमृतपाल को यह पैसे देने के लिए कहा.
सुरेंद्र सिंह इस शख्स ने वारिस पंजाब के हरजिंदर सिंह को कहा था कि वह क्रिप्टो करेंसी के जरिए इस संस्था को मोटा चंदा देना चाहता है. इसने हरजिंदर को एक क्रिप्टोकरंसी वॉलेट विदेश में क्रिएट करने के लिए कहा ताकि वह विदेश से पैसा फंड कर सके. जो कि रोपड़ का रहने वाला है लेकिन इस वक्त रांची झारखंड में इसके होने के इनपुट्स मिले हैं.
अमृतपाल के 24 घंटे साथ रहने वाले बॉडीगार्ड्स के अवैध हथियारों की डिटेल
फरीदकोट का रहने वाला सुख राजकरण करण सिंह जिसका लाइसेंस 12 जून 2022 को खत्म हो चुका था. इसके बावजूद 32 बोर की रिवाल्वर और 25 जिंदा कारतूस उस से बरामद किए गए और यह अमृतपाल के लगातार साथ रह रहा था. फरीदकोट का रहने वाला गुरबेज सिंह के कब्जे से 315 बोर की राइफल बरामद हुई. यह अमृतपाल का बॉडीगार्ड है जो कि अवैध हथियार से अमृतपाल की रक्षा कर रहा था.
मोगा का रहने वाले गुरमीत सिंह बुक्कन के कब्जे से 32 बोर की रिवाल्वर बरामद की गई थी जो कि बिना लाइसेंस ही थी. पटियाला के रहने वाले अवतार सिंह से 12 बोर की डबल बैरल बंदूक बरामद की गई. जिसे बिना लाइसेंस के रखा गया था. पटियाला के रहने वाला हरप्रीत सिंह के कब्जे से2 अवैध हथियार बरामद हुए. जो 32 बोर के थे 30 पॉइंट 06 स्प्रिंगफील्ड राइफल बिना लाइसेंसी बरामद की गई थी.
अमृतसर ग्रामीण का रहने वाले हरजीत सिंह के हथियार का लाइसेंस रद्द हो चुका था. उसके बावजूद 12 बोर की डबल बैरल बंदूक और साथ ही एक रिवाल्वर एक पिस्टल अपने साथ रख रहा था. यश 1 साल 2022 में नवंबर कनाडा भी गया था तरनतारन के रहने वाले बलजिंदर सिंह का लाइसेंस काफी पहले रद्द हो चुका था. इसके पास से एक डबल बैरल गन रिवाल्वर और एक 315 बोर की राइफल बरामद की गई थी. ये भी कनाडा में रहता था और कभी-कभी पंजाब आता था. तरनतारन का ही रहने वाला अमृतपाल सिंह पैसे से दुकानदार है इसके पास से भी 32 बोर की पिस्टल बरामद की गई.
अमृतपाल की भड़काऊ स्पीच पर सुरक्षा एजेंसियों ने तैयार की रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में कहा गया कि अमृतपाल सिंह हमेशा देश विरोधी भाषण देता था. साथ सिख नौजवानों को हथियार उठाने के लिए भड़का रहा था. इसके अलावा भारत के लोकतंत्र के खिलाफ सिख नौजवानों को भड़का कर गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने की बात करता था. कहता था कि गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी करने वाले का कत्ल करना कोई गलत बात नहीं है. अमृतपाल ने अपने टीवी भाषण में खालिस्तान बनाने की बात पर जोर दिया था.
अमृतपाल ने जितने भी समागम किये है या जितने भी सभाओं में वह शामिल रहा. वहां पर पब्लिक के बीच हथियार लहरा कर उन्हें भड़काने का काम कर रहा था. अमृतपाल पर एनएसए लगाने इसलिए जरूरी था क्योंकि जब से यह दुबई से भारत आया है तब से यह पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा था बल्कि देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था.
अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत कलसी ने 13 सालों में (2007-2020) थाईलैंड की 18 यात्राए की
अमृतपाल के उकसावे पर बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवासी छात्रों को निशाना बनाया गया और उन्हें घेर लिया गया. खालसा वहीर के दौरान ईसाई बहुसंख्यक वाले रास्ते में जाकर जानबूझकर शरारत करने का प्रयास किया गया. पंजाब में सुधीर सूरी की हत्या में शामिल संदीप सिंह उर्फ सनी अमृतपाल का सहयोगी है उसकी कार पर WPD का स्टीकर लगा था. हत्या से चार दिन पहले अमृतपाल ने उसे हत्या के लिए उकसाया था. फिर अमृतपाल ने उसे धमकाते हुए कहा कि वो अमृतापाल का नाम न लें.
अमृतपाल को दीप सिद्धू की मौत से पहले पंजाब में कोई नहीं जानता था. इसी वजह से वो अपने अतीत के बारे में खुलकर बात नहीं करता था क्योंकि इससे उनकी छवि को नुकसान हो सकता है. अमृतपाल दुबई में ड्रग डीलर जसवंत सिंह रोडे से जुड़ा हुआ है, जिसका भाई पाकिस्तान से काम कर रहा है. अमृतपाल ड्रग माफिया रवेल सिंह द्वारा गिफ्ट में दी गई एक शानदार मर्सिडीज में घूम रहा था.
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