"क्रांति के नाम पर युवाओं को भड़काने की...", ललित झा के करीबी के इंस्टाग्राम एकाउंट से हुआ खुलासा 

ये आरोपी क्रांतिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी वीडियो बनाते थे और इन्हीं से युवाओं का ब्रेन वॉश भी करने की कोशिश करते थे.

खास बातें

  • ललित झा के करीबी महेश के इंस्टा एकाउंट की हो रही हैं जांच
  • दिल्ली पुलिस को कई अहम सबूत मिले
  • महेश की तलाश में है दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली:

संसद की सुरक्षा में चूक के बाद दिल्ली पुलिस इस घटना में शामिल सभी छह आरोपियों से पूछताछ कर रही है. सुरक्षा में सेंध के मास्टरमाइंड ललित झा से भी अलग से पूछताछ हो रही है. पुलिस की पूछताछ के दौरान सभी गिरफ्तार आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए हैं. इस मामले में पुलिस को अब ललित झा का साथ देने वाले महेश कुमावत की तलाश है. पुलिस की कई टीमें महेश को गिरफ्तार करने के लिए संभावित जगहों पर छापेमारी कर रही है. इन सब के बीच पुलिस ने महेश कुमावत के इंस्टाग्राम एकाउंट को डिकोड कर लिया है. महेश के इंस्टाग्राम एकाउंट से कई बड़े खुलासे भी हुए हैं. 

युवाओं का करना चाहते थे ब्रेन वॉश

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस को पता चला है कि इस एकाउंट से क्रांति के नाम पर युवाओं को भड़काने और उनका ब्रेन वॉश करने की साजिश की जा रही थी. ये आरोपी क्रांतिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी वीडियो बनाते थे और इन्हीं से युवाओं का ब्रेन वॉश भी करने की कोशिश करते थे. पुलिस फिलहाल इस एकाउंट से मिली जानकारी को भी पूछताछ के दौरान आरोपियों के सामने रख रही है. 

आरोपियों ने किए कई बडे़ खुलासे

बता दें कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले गिरफ्तार आरोपी पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे कर रहे हैं. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि इस पूरी योजना का मास्टरमाइंड ललित झा था और उसने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए तीन प्लान बनाए हुए थे. इसी प्लान के तहत संसद के बाहर भी प्रदर्शन करना इसी का हिस्सा था. सूत्रों के अनुसार ललित झा अपने साथियों के साथ ऐसा कुछ करना चाहता था जिससे की देश में एक बड़ा मैसेज जाए.

गूगल सर्च से जुटाई थी कई जानकारी

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 13 दिसंबर को जो लोग संसद भवन परिसर और लोकसभा सदन में घुसे थे उनके पास कुल सात स्मॉग केन थे. मास्टरमाइंड ललित झा ने इन सभी आरोपियों से कहा था कि अगर कुछ बड़ा मैसेज देना है तो संसद परिसर में विरोध करने के साथ-साथ सदन के अंदर भी घुसपैठ करनी होगी. पुलिस की पूछताछ में ये भी पता चला है कि संसद में घुसने से लेकर अन्य कई अहम जानकारियां गूगल पर सर्च करके जुटाई थीं. आरोपियों ने संसद की सुरक्षा से जुड़े पुराने वीडियो भी देखे थे. साथ ही उनके बीच हो रहे चैट्स की जानकारी किसी और को ना मिले इसके लिए वो सिर्फ सिग्नल एप पर बात करते थे ताकि पकड़े न जाएं.