खुले स्थान पर लोगों को छींकने और कोरोना वायरस का फैलावे के लिए उकसाने के आरोपी इंफोसिस सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत इंजीनियर को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में लिया है. शख्स की पहचान मुजीब मोहम्मद के रूप में हुई है. उसने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ‘‘आएं साथ आएं, बाहर निकलें और खुले में छींके और वायरस फैलाएं.'' बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने एक बयान में कहा, ‘‘जिस व्यक्ति ने लोगों से खुले में छींकने और वायरस फैलाने की बात कही थी, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उसका नाम मुजीब है और वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस में काम करता है.'' आईटी कंपनी इंफोसिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस से संबंधित सोशल मीडिया पर ‘‘अनुचित पोस्ट'' करने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है.
कोरोनावायरस के डर से Infosys कंपनी ने बेंगलुरु की एक बिल्डिंग को कराया खाली
सोशल मीडिया के जरिए सामने आए मामले पर इंफोसिस ने भी प्रतिक्रिया दी है. इंफोसिस ने अपने आधिकारिक हैंडल पर एक ट्वीट किया कि कर्मचारी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट आचार नियमावली के खिलाफ है. उसने कहा, ‘‘इंफोसिस ने अपने एक कर्मचारी द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट पर अपनी जांच पूरी कर ली है, और हम मानते हैं कि यह गलत पहचान का मामला नहीं है.''
Infosys has completed its investigation on the social media post by one of its employees and we believe that this is not a case of mistaken identity. (1/2)
— Infosys (@Infosys) March 27, 2020
बता दें कि इससे पहले इन्फोसिस कंपनी ने पिछले हफ्ते कोरोनावायरस को लेकर कुछ लोगों में संक्रमित होने के संदेह के चलते बेंगलुरु की बिल्डिंग खाली करा दिया था. एक अधिकारी ने बताया कि मल्टिनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस ने बेंगलुरु में अपनी एक इमारत को कोरोनावायरस (COVID-19) के लिए संदेह होने के बाद खाली कर दिया है. बेंगलुरु के आईटी प्रमुख गुरुराज देशपांडे ने ई-मेल के जरिए बताया कि तैयारी को सुनिश्चित करने के लिए, हम केवल एआईपीएम भवन को एहतियात के तौर पर खाली कर रहे हैं, जिसमें जानकारी मिली है कि इस बिल्डिंग से एक टीम के सदस्य को कोरोनावायरस संदिग्ध हो सकता है.
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