त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के सरकारी अस्पताल में बुधवार को एक 3 दिन के बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि नर्स के द्वारा कोविड-19 जांच के दौरान बच्चे की नाक से नमूने लिए गए थे जिसके बाद उसकी मौत हुई है. घटना जीबी पंत सरकारी अस्पताल में हुई है जो शहर की सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल है. राज्य सरकार ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है. परिवार ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की चिकित्सा लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है.
प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार को कथित चिकित्सा लापरवाही के खिलाफ एक विरोध मार्च निकाला, जिसमें मुख्यमंत्री बिप्लब देब के इस्तीफे की मांग की गई बताते चले कि त्रिपुरा सरकार में स्वास्थ्य विभाग की देखरेख स्वयं मुख्यमंत्री करते हैं. गौरतलब है कि अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित एक महिला ने इस बच्चे को जन्म दिया था. डॉक्टरों ने बच्चे की कोविड-19 की जांच करने का निर्णय लिया था. त्रिपुरा स्वास्थ्य सेवा निदेशक सुभाशीष देबबर्मा ने कहा, ‘‘विभागीय जांच का आदेश दिया गया है. इस मामले की जांच के लिए गठित किए गए तीन सदस्यीय दल को तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है.''
बच्चे की मां पापिया पाल साहा ने कहा कि उसका बेटा बुधवार को उसकी नाक से कोविड-19 के लिए नमूने लेने से पहले तक स्वस्थ था तथा उसके कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गयी. उसने कहा, ‘‘ मैंने डॉक्टरों से कहा कि उसकी नाक से बहुत खून बह रहा है. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह ठीक हो जाएगा लेकिन मेरा बच्चा मेरी आंखों के सामने मर गया.'' स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव एस के राकेश ने कहा, ‘‘ शिशु की मौत शायद नमूना लेने से नहीं हुई. हम अंत्य परीक्षण का इंतजार कर रहे हैं.'' इससे पहले दो अगस्त को इसी अस्पताल में दो दिन की एक बच्ची की कोविड-19 से मौत हो गयी थी.
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