पहले इसी साल अक्तूबर में चंद्रयान-2 लॉन्च होने वाला था.
बेंगलुरु:
भारत ने अपने महात्वाकांक्षी चंद्रयान मिशन-2 जिसमें लूनर रोवर को भेजा जाना है उसे एक बार फिर से टाल दिया है. ये मिशन इसी साल अक्टूबर में जाना था, लेकिन अब ये 2019 में ही मुमकिन हो पाएगा. भारत की इस देर की वजह से इजरायल को चांद तक पहुंचने का मौका मिल गया है. भारत के मून रोवर की पहली तस्वीर इसरो के 800 करोड़ रु के प्रोजेक्ट चंद्रयान 2 मिशन का हिस्सा है. चांद की दूसरी यात्रा के दौरान भारत की योजना इसके दक्षिण ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग कर छह पहियों वाले इस छोटे से रोवर के जरिए चाद के सतह से जुड़ी जानकारियां हासिल करने की हैं. देर की वजहें तकनीकि मुश्किलें बताई जा रही हैं.
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इस संबंध में डॉ. एम अन्नादुरै ( निदेशक, यूआर राव सेटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु) ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया कि चंद्रयान-2 की लॉन्च की तारीख अगले साल यानी 2019 तक कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अगले साल फरवरी तक चंद्रयान-2 को भेजा जा सकता है और रॉकेट लॉन्च जनवरी में हो सकता है पहले इसी साल अक्तूबर में चंद्रयान-2 लॉन्च होने वाला था.
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डॉ एम अन्नादुरै ने बातचीत में बताया कि GSLV Mk II की बजाय अब फरवरी में चांद पर GSLV Mk III उतरेगा, तो लांच अब जनवरी में कभी होगा. बता दें कि अभीतक रूस, अमेरिका और चीन चांद की सतह पर कामयाब सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके है. अब चांद तक पहुंचने की रेस में दो एशियाई देश भारत और इजरायल है. अब देखना है चौथे नंबर पर कौन आता है.
VIDEO: अंतरिक्ष में इसरो की एक नई उड़ान
बता दें कि भारत अपने अगले मून मिशन में अपने सबसे भारी रॉकेट बाहुबली का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन इस बीच इजरायल का ये 600 किमी का लूनर सैटलाइट चौथे नंबर की रेस में भारत से आगे निकल सकता है.
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इस संबंध में डॉ. एम अन्नादुरै ( निदेशक, यूआर राव सेटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु) ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया कि चंद्रयान-2 की लॉन्च की तारीख अगले साल यानी 2019 तक कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अगले साल फरवरी तक चंद्रयान-2 को भेजा जा सकता है और रॉकेट लॉन्च जनवरी में हो सकता है पहले इसी साल अक्तूबर में चंद्रयान-2 लॉन्च होने वाला था.
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डॉ एम अन्नादुरै ने बातचीत में बताया कि GSLV Mk II की बजाय अब फरवरी में चांद पर GSLV Mk III उतरेगा, तो लांच अब जनवरी में कभी होगा. बता दें कि अभीतक रूस, अमेरिका और चीन चांद की सतह पर कामयाब सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके है. अब चांद तक पहुंचने की रेस में दो एशियाई देश भारत और इजरायल है. अब देखना है चौथे नंबर पर कौन आता है.
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बता दें कि भारत अपने अगले मून मिशन में अपने सबसे भारी रॉकेट बाहुबली का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन इस बीच इजरायल का ये 600 किमी का लूनर सैटलाइट चौथे नंबर की रेस में भारत से आगे निकल सकता है.
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