
राजनाथ सिंह ने कहा कि कुलभूषण के मामले में सब कुछ करेंगे.(फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को कुलभूष्ाण का मामला उठा
राजनाथ ने कहा कि भारत इस मसले पर हरसंभव प्रयास करेगा
सुषमा ने कहा कि यदि फांसी हुई तो द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ेगा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस पर बोलते हुए राज्यसभा में कहा कि पाकिस्तान ने एक बनावटी मामला खड़ा किया है. वास्तव में पाकिस्तान के पास कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है. सुषमा ने यह भी कहा कि कुलभूषण ने कुछ भी गलत नहीं किया. इसके साथ ही सुषमा स्वराज ने कहा कि यदि फांसी हुई तो भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा. सुषमा ने यह भी कहा कि वह जाधव के परिवार के संपर्क में हैं. सात बार जाधव के माता-पिता से फोन पर बात कर चुकी हैं. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाते हुए कहा कि कुलभूषण केवल अपने मां-बाप का बेटा नहीं है बल्कि वह पूरे हिंदुस्तान का बेटा है.
उधर मशहूर वकील और राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने इस मामले को अतंरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस में रखने की वकालत की है. जेठमलानी ने एनडीटीवी से कहा, "भारत सरकार को तत्काल इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले जाना चाहिये. मौत की सज़ा सिर्फ बेहद जघन्य अपराध के मामलों में ही दी जा सकती है जबकि ऐसा कोई अपराध जाधव ने नहीं किया है. इस मामले में पाकिस्तान पर कानूनी दबाव बढ़ाना बेहद ज़रूरी है."
उल्लेखनीय है कि सोमवार को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई है. कुलभूषण पर पाकिस्तान आर्मी कानून के तहत मुक़दमा चलाया गया. पाकिस्तान लगातार ये दावा कर रहा है कि वो रॉ के एजेंट हैं. हालांकि भारत पहले ही साफ़ कर चुका है कि कुलभूषण रॉ एजेंट नहीं हैं. भारत ने कहा था कि वो नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, लेकिन वो किसी भी रूप में सरकार से नहीं जुड़े हुए हैं. पाकिस्तान ने आरोप लगाए कि जाधव पाकिस्तान को अस्थिर करना और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जंग छेड़ना चाहते थे. कुलभूषण को 3 मार्च 2016 को ईरान से पाक में अवैध घुसपैठ के चलते गिरफ़्तार किया गया था. पाकिस्तानी सेना के कानून के तहत आए इस फैसले पर 90 दिनों के भीतर अमल होना तय है और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के मुहर लग जाने के बाद इस फैसले के खिलाफ अपील की कोई गुंजाइश नहीं है.
इस फैसले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान से कहा है कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी गई तो यह सुनियोजित हत्या होगी. भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर जाधव की सजा पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि इस मामले में न्याय के मौलिक सिद्धांतों की अनदेखी की गई. भारत ने फिर कहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया और पाकिस्तान ये बताने में नाकाम रहा कि वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं