
भारत गुजरात के वडोदरा के भारतीय नागरिक अमित गुप्ता को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है. जिन्हें कतर में डेटा चोरी के आरोप में गलत तरीके से हिरासत में लिया गया है. मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी. आईटी फर्म टेक महिंद्रा के वरिष्ठ कर्मचारी गुप्ता को कतर के अधिकारियों ने 1 जनवरी को हिरासत में लिया था, उनकी मां पुष्पा गुप्ता ने वडोदरा में मीडिया को इसकी जानकारी दी थी. गुप्ता के पिता ने कहा कि उन्हें कतर की राज्य सुरक्षा द्वारा हिरासत में लिया गया था.
Gujarat: Amit Gupta, a Vadodara resident and Tech Mahindra's Country Head in Qatar, has reportedly been held hostage in Doha. His elderly parents, distressed by the situation, reached out to Vadodara MP Hemang Joshi for help
— IANS (@ians_india) March 22, 2025
Amit Gupta mother Pushpa Gupta says, "Amit Gupta was… pic.twitter.com/hxd3wQIysa
गुप्ता के परिवार का कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन पर डेटा चोरी का झूठा आरोप लगाया गया है. वे उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं. गुप्ता की मां ने कहा कि वह कतर गई थीं और वहां भारतीय राजदूत से मिली थीं. उन्होंने राजदूत के हवाले से कहा कि गुप्ता के मामले में अब तक कोई "सकारात्मक प्रतिक्रिया" नहीं मिली है.
Gujarat: BJP MP Hemang Joshi says, "Our Baroda citizen, Amit Gupta, who has been working in Qatar Tech Mahindra for the past 10 years, and he had this problem. He was going out after eating, and the local security agency took him into custody. His parents had gone to Qatar for a… https://t.co/aeBnU3s4hb pic.twitter.com/e9dhJogfww
— IANS (@ians_india) March 22, 2025
भाजपा सांसद हेमंग जोशी ने मीडिया को बताया कि वडोदरा निवासी गुप्ता पिछले 10 वर्षों से कतर में टेक महिंद्रा के लिए काम कर रहे थे. जोशी ने कहा कि उन्हें कतर के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में लिया. भाजपा सांसद ने कहा, "उनके माता-पिता एक महीने के लिए कतर गए थे और उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए."
कतर में किसी भारतीय को हिरासत में लेने से जुड़ा यह 2022 के बाद से दूसरा मामला है. उच्च पदस्थ अधिकारियों सहित आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को 2022 में हिरासत में लिया गया और बाद में 2023 में मौत की सजा सुनाई गई. बाद में कतर की एक अदालत ने उनकी सजा कम कर दी थी और फरवरी 2024 में कतर के अमीर के आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया.
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