अमित गुप्ता के परिवार ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. (फाइल फोटो)
भारतीय नागरिक अमित गुप्ता बीते तीन महीने से कतर की जेल में बंद हैं. उन्हें या उनके परिवार को अभी तक आरोपों की भी जानकारी नहीं दी गई है. गुप्ता भारतीय कंपनी टेक महिंद्रा के वरिष्ठ अधिकारी हैं, उन्हें कतर के अधिकारियों ने एक जनवरी को हिरासत में ले लिया था. उन्हें सप्ताह में एक बार पांच मिनट के लिए परिवार से बात करने की इजाजत मिलती है. परिवार का कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और हमने भारत सरकार से भी संपर्क किया है. साथ ही प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है. टेक महिंद्रा ने भी कहा है कि कंपनी परिवार के साथ संपर्क में है और कतर के अधिकारियों से बातचीत हो रही है. अमित गुप्ता के परिवार ने एनडीटीवी इंडिया के साथ अपना दर्द साझा किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले में 9 अप्रैल को कहा था कि हम उनके साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के संपर्क में भी हैं. इससे अधिक मैं आपको इस समय नहीं बता पाऊंगा, क्योंकि जांच चल रही है. लेकिन आपको बता दें कि हमारा दूतावास उनके साथ नियमित संपर्क में है, और हिरासत में लिए गए लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है, जिन भारतीयों को हिरासत में लिया गया है उनमें अमित गुप्ता भी शामिल हैं.
वहीं टेक महिंद्रा ने भी इस पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि कंपनी परिवार के साथ संपर्क में है और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है. भारत और कतर के अधिकारियों के साथ भी बातचीत जारी है. उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. अमित गुप्ता की भलाई सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
आर्थिक अपराध से जुड़ा मामला!
कतर के अधिकारियों को यह बताना है कि अमित गुप्ता को किस मामले में हिरासत में लिया गया है. जांच के बाद कतर इस बारे में भारत को बताएगा तब ही भारत की ओर से इसे लेकर कदम उठाए जाएंगे. कतर के नियम-कानून काफी कठोर हैं और ऐसे मामले में जब एक जांच चल रही है तो भारतीय दूतावास की ओर से हर तरह की मदद मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, यह आर्थिक अपराध से जुड़ा मामला है, जिसे लेकर कतर में गंभीर सजा का प्रावधान नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि एक बार जांच पूरी होगी और उनके खिलाफ आरोप सामने आएंगे, उसके हिसाब से उपाय किए जाएंगे.
कतर की जेल में भारतीय
- 3 महीने से अमित गुप्ता कतर की जेल में
- एक जनवरी को हुई गिरफ्तारी
- अभी तक आरोपों की जानकारी नहीं
- हफ्ते में एक बार परिवार से बात की इजाज़त
- बस 5 मिनट टेलीफोन पर बात की इजाजत
- अमित का कहना है कि वे बेगुनाह हैं
- परिवार ने भारत सरकार से किया है संपर्क
मैंने कभी उन्हें इस तरह से नहीं देखा: आकांक्षा गोयल
उनकी पत्नी आकांक्षा गोयल ने बताया कि आखिरी बार उनसे जब बातचीत हुई थी तो मैंने उन्हें कभी भी इस तरह की स्थिति में नहीं देखा है. वो रोते रहे और उन्होंने कहा कि भारत सरकार से अपील करो कि मुझे यहां से निकलवाएं, मेरा यहां पर दम घुटता है. मैं यहां पर ऐसे और नहीं रह सकता हूं. उनकी पत्नी ने कहा कि वो बताते हैं कि कोई उनसे पूछताछ करने के लिए नहीं आता है. कोई सवाल नहीं किए जाते हैं. उनको पूरे दिन बंद करके रखा जाता है. उन्होंने कहा कि वह कतर और कुवैत को टेक महिंद्रा में नेतृत्व करते हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने काम को बेहद महत्वपूर्ण मानते थे.
आकांक्षा गोयल के पिता ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा और विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा. हर कोई यह कहता है कि हम कोशिश कर रहे हैं. हमें यह पता नहीं चलता है कि किस स्तर पर कोशिश हो रही है. सरकार से विनती है कि वो उनको बाहर लाएं.
उनकी मां ने कहा कि वो पिछली बार जब आए थे तो बेहद ही खुश थे और अपने साथ ही अपने भाई को लेकर गए थे. यदि कोई दिक्कत होती तो अपने भाई को क्यों लेकर जाते.
कौन हैं अमित गुप्ता
- टेक महिंद्रा के कतर और कुवैत के क्षेत्र प्रमुख
- टेक महिंद्रा में लगभग 12 साल बिताए हैं
- न्यूक्लियस सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स में भी काम किया
- शुरुआती दिनों में इन्फोसिस में प्रबंधक रहे
- जयपुर में मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक
- नई दिल्ली स्थित आईएमआई से एमबीए
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