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व्यापार डेटा रिपोर्ट: अक्टूबर 2025 में एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का मिला-जुला रुझान

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, अमेरिकी सरकार द्वारा प्रमुख कृषि और खाद्य उत्पादों (जैसे फल, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और मसाले) पर टैरिफ राहत की घोषणा से भारतीय कृषि निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलेगा.

व्यापार डेटा रिपोर्ट: अक्टूबर 2025 में एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का मिला-जुला रुझान

सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए व्यापार डेटा के अनुसार, अक्टूबर 2025 में भारत का कुल निर्यात अनुमानित रूप से 72.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में 0.68% की मामूली गिरावट दर्शाता है. हालांकि, चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्टूबर 2025) के दौरान देश के कुल निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. इस अवधि में कुल निर्यात 491.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 469.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. इस तरह, 4.84% की अनुमानित वृद्धि दर्ज की गई है.

इन सेक्टरों ने किया बेहतरीन प्रदर्शन

वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि कई प्रमुख सेक्टरों ने पिछले साल के इसी महीने की तुलना में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. जिन उत्पादों के निर्यात में मजबूत वृद्धि देखी गई, वे हैं:

  • काजू: 126.85%
  • मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद: 30.87%
  • इलेक्ट्रॉनिक सामान: 19.05%
  • समुद्री उत्पाद: 11.08%
  • कॉफी: 10.91%

अमेरिकी टैरिफ राहत से कृषि निर्यात को लाभ

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, अमेरिकी सरकार द्वारा प्रमुख कृषि और खाद्य उत्पादों (जैसे फल, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और मसाले) पर टैरिफ राहत की घोषणा से भारतीय कृषि निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलेगा. 2024 में अमेरिका को होने वाले 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के भारतीय कृषि निर्यात में से, अब 1 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के निर्यात को पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariffs) से छूट मिल गई है.

FIEO ने बताया मिश्रित रुझान

देश के सबसे बड़े एक्सपोर्टर संगठन FIEO (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स) के अध्यक्ष, एस सी रल्हन ने व्यापार डेटा पर प्रतिक्रिया देते हुए "मिश्रित रुझान" दर्शाया. उन्होंने कहा कि कुल निर्यात में गिरावट और आयात में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण व्यापार घाटा बढ़ा है.

रल्हन के अनुसार, व्यापारिक निर्यात में गिरावट का मुख्य कारण इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और वस्त्र जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में आई तेज गिरावट है. उन्होंने कहा कि निर्यात में यह दबाव व्यापक वैश्विक आर्थिक मंदी को दर्शाता है, जो कम मांग और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण उत्पन्न हुआ है.

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