- भारतीय सेना ने 13 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान को मजबूर कर 93 हजार सैनिकों को सरेंडर कराया था
- 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है जो भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक है
- ईस्टर्न कमांड ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की जिसमें पाकिस्तानी सैनिक हथियार डालते हुए दिख रहे हैं
16 दिसंबर का दिन. विजय दिवस. सीना चौड़ा करने का दिन. पाकिस्तान को घुटनों पर लाने का दिन. भारतीय सैनिकों के पराक्रम के आगे पड़ोसी पाकिस्तान के सैनिक जान की भीख मांगते नजर आए. महज 13 दिनों की लड़ाई में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिक अपने हथियार भारत के सामने रख दिए. ये दिन बेहद खास है. ईस्टर्न कमांड ने एक ऐसी तस्वीर एक्स पर पोस्ट किया है जिसे देख हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.
ये तस्वीर तो खास है
भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड ने आज सुबह-सुबह अपने सोशल हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट की है. इस तस्वीर को देख भारतीय सेनाओं के पराक्रम पर फख्र आ रहा है. आप सोच रहे हैं आखिर वो तस्वीर है क्या? चलिए इस जोश भरने वाली तस्वीर की कहानी हम आपको बताते हैं.
सीना हो जाएगा चौड़ा
तस्वीर में पाकिस्तानी सैनिक जमीन पर अपने हथियार रखे हुए दिख रहे हैं. भारत ने 13 दिन की ही जंग में पाकिस्तान को होश पाख्ता कर दिए और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश (1971 में पूर्वी पाकिस्तान)का जन्म हुआ था. तो तस्वीर की बात आगे बढ़ाते हैं. पाकिस्तानी सैनिक अपने दोनों हाथ पीछे किए हुए दिख रहे हैं. उनके पिस्तौल वाला चोंगा भी खाली दिख रहा है. उनके हाथ में रहने वाले रायफल जमीन पर पड़े हुए हैं. यानी भारत के सामने पूरी तरह सरेंडर.
पूरी तरह ध्वस्त हुआ पाकिस्तान
दरअसल, भारतीय सेनाओं का पराक्रम ही कुछ ऐसा है, जब वो जंग के मैदान में उतरते हैं तो दुश्मन की सेनाएं कांपती हैं. इस तस्वीर में भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है. दोनों हाथ पीछे की तरफ बंधे मुद्रा में खड़े पाकिस्तानी सैनिकों की भारत के सामने बेबसी साफ देखी जा सकती है. घास पर पड़े पाकिस्तानी सेनाओं के हथियार भारत के गर्व का प्रतीक है. ये बताने के लिए काफी है कि कैसे हमारे वीर सैनिकों ने पड़ोसी को घुटनों पर ला दिया. उनको सरेंडर करना पड़ा. उनके लेफ्टिनेंट जनरल अमीर अब्दुल्ला खां नियाजी ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिए.
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