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चंद्रयान-3 के लैंडर से बाहर आया प्रज्ञान रोवर,जानें अब 14 दिन तक चांद पर क्या-क्या करेगा

Chandrayaan-3 successfully lands on Moon: चांद के साउथ पोल पर स्पेसक्राफ्ट उतारने वाला पहला देश बन गया है. जबकि चांद के किसी भी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है.

नई दिल्ली:

भारत ने दुनिया में इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Successful Landing) ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. ऐसा करके भारत (Chandrayaan-3 Landing on Lunar South Pole) चांद के साउथ पोल पर स्पेसक्राफ्ट उतारने वाला पहला देश बन गया है. जबकि चांद के किसी भी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है. भारत से पहले अमेरिका, सोवियत संघ (अभी रूस) और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं.

पढ़ें चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग की खास बातें:-

  1. चंद्रयान-3 का लैंडर बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर उतरा था. इसके दो घंटे और 26 मिनट बाद रोवर भी लैंडर से बाहर आ गया. रोवर छह पहियों वाला रोबोट है. ये चांद की सतह पर चलेगा. इसके पहियों में अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप है.  जैसे-जैसे रोवर चांद की सतह पर चलेगा, वैसे-वैसे अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छपती चली जाएगी. 
  2. चंद्रयान-3 के लैंडिंग की शुरुआत 5 बजकर 30 मिनट पर हुई. रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही. इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की. तब चंद्रयान-3 की चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी. 
  3.  इसके 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से चंद्रयान-3 ने 25 किमी का सफर पूरा किया. फिर लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया. शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा. इस तरह भारत चांद के साउथ पोल पर कदम रखने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं.
  4. कम्युनिकेशन के बाद लैंडर का रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा. इसके बाद इसके व्हील चांद की मिट्‌टी पर अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप छोड़ेंगे. फिर 'विक्रम' लैंडर 'प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की तस्वीर लेगा. ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे.
  5. ISRO के मुताबिक, लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर निकलते ही ये काम में लग जाएगा. रोवर 14 दिनों तक चांद के साउथ पोल पर रिसर्च करेगा. दरअसल, चांद पर धरती के 14 दिन के बराबर एक ही दिन होता है. ऐसे में साउथ पोल पर लैंड करने के बाद रोवर के पास काम खत्म करने के लिए केवल 14 दिनों का समय होगा. इस दौरान चांद पर धूप रहेगी और दोनों को सोलर एनर्जी मिलती रहेगी. 14 दिन बाद साउथ पोल पर अंधेरा हो जाएगा. फिर लैंडर-रोवर दोनों ही काम करने बंद कर देंगे. 
  6. चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग को पीएम मोदी ने साउथ अफ्रीका से वर्चुअली देखा. सफल लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने इसरो और देश को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि चंदा मामा अब दूर के नहीं, टूर के हैं.
  7.  चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग से जहां भारत का स्पेस पावर के रूप में उभरा है. साथ ही ISRO का दुनिया की अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के मुकाबले कद कहीं ऊंचा हो गया है. देशवासी ISRO के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहे हैं और उनके काम की जमकर सराहना कर रहे हैं. 
  8. पीएम मोदी ने कहा, "चंदा मामा के दूर के नहीं, एक टूर के हैं. उन्होंने ISRO और देशवासियों को बधाई दी." पीएम ने कहा, "यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है. यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है. अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है." 
  9. पीएम ने कहा, "हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया. हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं. पहले कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं. एक दिन ऐसा आएगा कि बच्चे कहेंगे चंदा मामा बस टूर के हैं."
  10. चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया था. इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा. धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है.


 

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