कुलभूषण जाधव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पाकिस्तान में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मिलने उनकी मां और पत्नी 25 तारीख को पाकिस्तान जा रही हैं. इनकी यात्रा को लेकर भारत की तरफ से पूरी सतर्कता बरती जा रही है. सवाल परिवार की सुरक्षा का भी है और इस बात का भी कि कहीं पाकिस्तान इस दौरे को लेकर कुछ ऐसा न करे जिसे बाद में वह अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करे.
भारत पहले ही पाकिस्तान से सोवेरन गारंटी हासिल कर चुका है जिसके तहत भारत ने मुख्य तौर पर यह शर्त रखी थी की जब कुलभूषण का परिवार पाकिस्तान में होगा तो ना तो मां और ना ही पत्नी से किसी तरह की पूछताछ की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा जब तक वे पाकिस्तान की जमीन पर रहेंगे उनकी पूरी सुरक्षा की गारंटी पाकिस्तान की होगी. और तीसरा यह कि भारतीय उच्चायोग का एक अधिकारी हमेशा परिवार के साथ रहेगा. यहां तक कि जब परिवार कुलभूषण जाधव से मिल रहा होगा तब भी. पाकिस्तान ने इन तीनों शर्तों को स्वीकार किया और तभी भारत ने इस यात्रा को हरी झंडी दी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद में भारतीय उप उच्चायुक्त जेपी सिंह कुलभूषण के परिवार के साथ मौजूद रहेंगे.
जाधव मामले में जिलानी को आईसीजे में एडहॉक जज नियुक्त करना चाहता है पाकिस्तान
परिवार को पाकिस्तान ने 3 दिनों का वीजा दिया था लेकिन परिवार सिर्फ 1 दिन के लिए ही पाकिस्तान की जमीन पर होगा. पहले यह जानकारी आई थी कि 24 तारीख को परिवार वाघा बॉर्डर क्रॉस करेगा, 25 को इस्लामाबाद में मुलाकात होगी और फिर 26 को परिवार वापस लौटेगा. लेकिन बाद में भारत की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को जो सूचना दी गई उसके मुताबिक परिवार 25 दिसंबर को ही कमर्शियल फ्लाइट से पाकिस्तान उतरेगा और कुलभूषण से मुलाकात के बाद उसी दिन वापस निकल लेगा.
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पाकिस्तान ने भारत से यह अनुरोध किया था कि परिवार की बातचीत मीडिया से कराई जाए. लेकिन भारत ने इसकी इजाजत नहीं दी है. कारण परिवार की सुरक्षा और उनकी परेशान मानसिक स्थिति सकती है.
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी, आतंकवाद फैलाने और देश के खिलाफ साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर मुकदमा चलाया. एकतरफा सुनवाई और जबरिया इकबालिया बयान के आधार पर उसे दोषी करार दिया और फिर फांसी की सजा सुना दी. इस बीच भारत ने बीस बार कुलभूषण से मिलने की इजाजत मांगी लेकिन पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस की भारत की मांग को हर बार ठुकरा दिया. भारत ने साफ़ कर दिया कि कुलभूषण उसका नागरिक है लेकिन नेवी में सर्विंग नहीं बल्कि रिटायरमेंट ले चुका है. ईरान में व्यवसाय के सिलसिले में था जहां से अगवा कर उसे पाकिस्तान ले जाया गया और फिर उसे झूठे मामले में फंसा दिया गया.
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कुलभूषण को पाकिस्तान आनन-फानन में फांसी देता इससे पहले ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामले को उठा दिया. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फांसी पर फौरी रोक लगा दी. मामला वहां अभी विचाराधीन है, सुनवाई आगे होगी लेकिन फ़ैसले को पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा गया.
भारत लगातार यह भी मांग करता रहा था कि कुलभूषण की मां को वीजा दिया जाए ताकि वह वहां जाकर कुलभूषण से मिल सकें. उनका हाल जान सकें और कुलभूषण के बिना पर अदालती लड़ाई को आगे बढ़ा सकें. लेकिन पाकिस्तान ने पहले हां नहीं किया. अंतरराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले के बाद दुनिया में अपना चेहरा बचाने के लिए पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर कुलभूषण की पत्नी को वीजा देने का प्रस्ताव रखा. लेकिन भारत ने कहा की पत्नी के साथ-साथ मां को भी वीजा चाहिए. फिर पाकिस्तान ने दोनों को वीजा देने का फैसला किया.
मुलाकात की तारीख भी पाकिस्तान ने अपनी तरफ से तय की 25 दिसंबर. और अब जब मां और पत्नी की कुलभूषण से मुलाकात में कुछ ही वक्त रह गया है, भारत हर तरह की सावधानी बरत रहा है. हालांकि आशंका इस बात की है कि कुलभूषण के परिवार की सुरक्षा को ताक पर रखकर पाकिस्तान की एजेंसियां उनकी यात्रा संबंधी ब्योरे को लीक कर दें और कुछ ऐसा करने का प्रयास करें जिससे बाद में कुलभूषण के मुद्दे पर वह अपना हाथ ऊपर दिखा सके. लेकिन भारत की तरफ से भी ऐसा कोई मौका देने से बचा जा रहा है.
VIDEO: कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने दी पत्नी से मिलने की इजाजत
पाकिस्तानी मीडिया लगातार ताक में है कि कुलभूषण का परिवार किस फ्लाइट से आ रहा है, कब एयरपोर्ट से निकलेगा, किस वक्त कुलभूषण से उसकी मुलाकात होगी और फिर वापसी कब होगी इसका विवरण मिले. वह यह भी मानकर चल रहा है कि ये न हो आखिरी वक्त में परिवार किसी विशेष विमान से पहुंचे. भारतीय उच्चायोग की गाड़ी में एयरपोर्ट से निकले. सीधा विदेश मंत्रालय पहुंचे जहां कुलभूषण से मुलाकात होनी है. और फिर वहीं से सीधा एयरपोर्ट पहुंच विशेष विमान से वापस उड़ ले. ऐसे में पाकिस्तान के मीडिया को कहीं मौका ना मिले किसी भी तरह का सवाल जवाब करने का.
दौरे और मुलाकात की संवेदनशीलता ऐसी है कि भारत पूरा एहतियात बरत रहा है. हालांकि यह भी सच है कि जब कुलभूषण का परिवार पाकिस्तान की जमीन पर होगा तो उसकी जानकारी बाहर निकलने में देर नहीं लगेगी. भारतीय मीडिया के लिए अपनी तरफ से एहतियात बरतना और आपाधापी में पड़ कर किसी तरह की ऐसी सूचना ना देना लाजमी है जिससे परिवार की सुरक्षा को खतरा हो.
भारत पहले ही पाकिस्तान से सोवेरन गारंटी हासिल कर चुका है जिसके तहत भारत ने मुख्य तौर पर यह शर्त रखी थी की जब कुलभूषण का परिवार पाकिस्तान में होगा तो ना तो मां और ना ही पत्नी से किसी तरह की पूछताछ की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा जब तक वे पाकिस्तान की जमीन पर रहेंगे उनकी पूरी सुरक्षा की गारंटी पाकिस्तान की होगी. और तीसरा यह कि भारतीय उच्चायोग का एक अधिकारी हमेशा परिवार के साथ रहेगा. यहां तक कि जब परिवार कुलभूषण जाधव से मिल रहा होगा तब भी. पाकिस्तान ने इन तीनों शर्तों को स्वीकार किया और तभी भारत ने इस यात्रा को हरी झंडी दी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस्लामाबाद में भारतीय उप उच्चायुक्त जेपी सिंह कुलभूषण के परिवार के साथ मौजूद रहेंगे.
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परिवार को पाकिस्तान ने 3 दिनों का वीजा दिया था लेकिन परिवार सिर्फ 1 दिन के लिए ही पाकिस्तान की जमीन पर होगा. पहले यह जानकारी आई थी कि 24 तारीख को परिवार वाघा बॉर्डर क्रॉस करेगा, 25 को इस्लामाबाद में मुलाकात होगी और फिर 26 को परिवार वापस लौटेगा. लेकिन बाद में भारत की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को जो सूचना दी गई उसके मुताबिक परिवार 25 दिसंबर को ही कमर्शियल फ्लाइट से पाकिस्तान उतरेगा और कुलभूषण से मुलाकात के बाद उसी दिन वापस निकल लेगा.
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पाकिस्तान ने भारत से यह अनुरोध किया था कि परिवार की बातचीत मीडिया से कराई जाए. लेकिन भारत ने इसकी इजाजत नहीं दी है. कारण परिवार की सुरक्षा और उनकी परेशान मानसिक स्थिति सकती है.
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी, आतंकवाद फैलाने और देश के खिलाफ साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर मुकदमा चलाया. एकतरफा सुनवाई और जबरिया इकबालिया बयान के आधार पर उसे दोषी करार दिया और फिर फांसी की सजा सुना दी. इस बीच भारत ने बीस बार कुलभूषण से मिलने की इजाजत मांगी लेकिन पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस की भारत की मांग को हर बार ठुकरा दिया. भारत ने साफ़ कर दिया कि कुलभूषण उसका नागरिक है लेकिन नेवी में सर्विंग नहीं बल्कि रिटायरमेंट ले चुका है. ईरान में व्यवसाय के सिलसिले में था जहां से अगवा कर उसे पाकिस्तान ले जाया गया और फिर उसे झूठे मामले में फंसा दिया गया.
पाकिस्तान ने जाधव मामले में राजनयिक पहुंच से इनकार किया, कहा- वह सामान्य नागरिक नहीं
कुलभूषण को पाकिस्तान आनन-फानन में फांसी देता इससे पहले ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामले को उठा दिया. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फांसी पर फौरी रोक लगा दी. मामला वहां अभी विचाराधीन है, सुनवाई आगे होगी लेकिन फ़ैसले को पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा गया.
भारत लगातार यह भी मांग करता रहा था कि कुलभूषण की मां को वीजा दिया जाए ताकि वह वहां जाकर कुलभूषण से मिल सकें. उनका हाल जान सकें और कुलभूषण के बिना पर अदालती लड़ाई को आगे बढ़ा सकें. लेकिन पाकिस्तान ने पहले हां नहीं किया. अंतरराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले के बाद दुनिया में अपना चेहरा बचाने के लिए पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर कुलभूषण की पत्नी को वीजा देने का प्रस्ताव रखा. लेकिन भारत ने कहा की पत्नी के साथ-साथ मां को भी वीजा चाहिए. फिर पाकिस्तान ने दोनों को वीजा देने का फैसला किया.
मुलाकात की तारीख भी पाकिस्तान ने अपनी तरफ से तय की 25 दिसंबर. और अब जब मां और पत्नी की कुलभूषण से मुलाकात में कुछ ही वक्त रह गया है, भारत हर तरह की सावधानी बरत रहा है. हालांकि आशंका इस बात की है कि कुलभूषण के परिवार की सुरक्षा को ताक पर रखकर पाकिस्तान की एजेंसियां उनकी यात्रा संबंधी ब्योरे को लीक कर दें और कुछ ऐसा करने का प्रयास करें जिससे बाद में कुलभूषण के मुद्दे पर वह अपना हाथ ऊपर दिखा सके. लेकिन भारत की तरफ से भी ऐसा कोई मौका देने से बचा जा रहा है.
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पाकिस्तानी मीडिया लगातार ताक में है कि कुलभूषण का परिवार किस फ्लाइट से आ रहा है, कब एयरपोर्ट से निकलेगा, किस वक्त कुलभूषण से उसकी मुलाकात होगी और फिर वापसी कब होगी इसका विवरण मिले. वह यह भी मानकर चल रहा है कि ये न हो आखिरी वक्त में परिवार किसी विशेष विमान से पहुंचे. भारतीय उच्चायोग की गाड़ी में एयरपोर्ट से निकले. सीधा विदेश मंत्रालय पहुंचे जहां कुलभूषण से मुलाकात होनी है. और फिर वहीं से सीधा एयरपोर्ट पहुंच विशेष विमान से वापस उड़ ले. ऐसे में पाकिस्तान के मीडिया को कहीं मौका ना मिले किसी भी तरह का सवाल जवाब करने का.
दौरे और मुलाकात की संवेदनशीलता ऐसी है कि भारत पूरा एहतियात बरत रहा है. हालांकि यह भी सच है कि जब कुलभूषण का परिवार पाकिस्तान की जमीन पर होगा तो उसकी जानकारी बाहर निकलने में देर नहीं लगेगी. भारतीय मीडिया के लिए अपनी तरफ से एहतियात बरतना और आपाधापी में पड़ कर किसी तरह की ऐसी सूचना ना देना लाजमी है जिससे परिवार की सुरक्षा को खतरा हो.
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