
India's GDP Reached 4.3 trillion Dollars: भारत पिछले दस वर्षों से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या IMF के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले दशक में भारत की जीडीपी में 105 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई है. IMF के अनुसार, भारत की जीडीपी वर्तमान में 4.3 ट्रिलियन डॉलर है. 2015 में जीडीपी 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, जब नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल एक साल से भी कम समय का था. तब से, भारत ने सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी के मामले में अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना से भी अधिक कर लिया है.
जापान इसी साल होगा पीछे
भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जापान को पीछे छोड़ने के कगार पर है. जापान की जीडीपी वर्तमान में 4.4 ट्रिलियन डॉलर है और भारत 2025 की तीसरी तिमाही तक उस आंकड़े को पार कर जाएगा. अगर विकास की औसत दर इसी तरह जारी रही, तो भारत 2027 की दूसरी तिमाही तक जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा. जर्मनी अभी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जर्मनी की जीडीपी वर्तमान में 4.9 ट्रिलियन डॉलर है.
जानिए अमेरिका और चीन का वृद्धि दर
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के 10 साल के आर्थिक प्रदर्शन को शानदार बताते हुए पिछले एक दशक में अपने जीडीपी को दोगुना करने के लिए देश की सराहना की है. गोयल ने कहा कि भारत पिछले 10 वर्षों में 105 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया में विकास करने वाले देश में पहले स्थान पर है. भारत ने विकास के मामले में चीन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन किया है. चीन की वृद्धि दर 76 प्रतिशत है, अमेरिका की 66 प्रतिशत, जर्मनी की 44 प्रतिशत, फ्रांस की 38 प्रतिशत और ब्रिटेन की वृद्धि दर 28 प्रतिशत रही है.

भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना से भी अधिक करके G7, G20 और ब्रिक्स के सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है.
पीयूष गोयल ने कहा, "वैश्विक बदलाव वास्तविक है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पिछले दशक में भारत की जीडीपी को दोगुना करने का नेतृत्व किया है, जिससे यह जल्द ही वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा."
सबसे अमीर देश कब बनेगा भारत
भारत विकास की गति के मामले में सूची में तो सबसे ऊपर है, मगर अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में शीर्ष दो स्थान पर संयुक्त राज्य अमेरिका ($30.3 ट्रिलियन) और चीन ($19.5 ट्रिलियन) बने हुए हैं. जर्मनी $4.9 ट्रिलियन के साथ तीसरे स्थान पर है, जापान $4.4 ट्रिलियन के साथ चौथे स्थान पर है, और भारत $4.3 ट्रिलियन के साथ पांचवें स्थान पर है.
भारत को अपनी मौजूदा विकास दर के हिसाब से शीर्ष दो स्थानों पर पहुंचने में दो दशक से थोड़ा ज़्यादा समय लगेगा. हालांकि, यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि मार्च, 2025 तक, अमेरिका का राष्ट्रीय ऋण $36.22 ट्रिलियन है, जबकि सितंबर, 2024 तक चीन का राष्ट्रीय ऋण $2.52 ट्रिलियन है. इसकी तुलना में, सितंबर, 2024 तक भारत का कुल ऋण $712 बिलियन है.
1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में लगे 60 साल
भारत को अपने सकल घरेलू उत्पाद को पहले ट्रिलियन-डॉलर के निशान तक पहुंचने में 60 साल लगे. यहां भारत 2007 में पहुंचा था. फिर 1 ट्रिलियन डॉलर से 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 7 साल लगे. यहां भारत 2014 में पहुंचा. कोविड-19 के बावजूद, भारत 2021 में 3 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गया. 3 ट्रिलियन डॉलर से 4 ट्रिलियन डॉलर तक की यात्रा में सिर्फ़ 4 साल लगे.
अगर इसी गति से प्रगति जारी रही, तो भारत हर 1.5 साल में अपने सकल घरेलू उत्पाद में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ने के लिए तैयार है, और संभवतः 2032 के अंत तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है.
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