भारत और चीन के बीच एलएसी (LAC) पर जारी तनाव जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं. इसके लंबा खींचने की संभावना है. यह बात खुद रक्षा मंत्रालय ने मानी है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दो अगस्त को भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच 5 वें दौर की जो बातचीत हुई थी वो बेनतीजा रही, लेकिन, चीन के दुस्साहस को देखिये. भले ही चीन पैंगॉन्ग त्सो में भारत के नियत्रण वाले इलाके में घुसा हुआ है पर वह अब उल्टा भारत से पैंगोंग त्सो से पीछे हटने को कह रहा है. इसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है.
अब चीन भारत से फिंगर 4 से भी पीछे हटने को कह रहा जबकि भारत पहले फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग किया करता था और भारत फिंगर 8 को ही एलएसी मानता है. मई महीने से चीनी सेना फिंगर 4 पर आ चुकी थी बाद में कई दौर की बातचीत के बाद चीनी सेना फिंगर 5 पर चली गई, लेकिन भारतीय सेना को अब भी चीनी सेना फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग करने के लिए आगे नहीं बढ़ने दे रही है.
रविवार को हुई बातचीत में चीन पैंगोंग त्सो से पीछे नहीं हटने पर अड़ा रहा. अब चीन भारत से ही पीछे हटने यानि उसे अपने नियत्रण वाले क्षेत्र को छोड़ने को कहा रहा है. पैंगॉंग त्सो ही नहीं बल्कि गोगरा हॉट स्प्रिंग के पैट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17-A से भी अब चीनी सेना पीछे नहीं हट रही और डिसइनगेजमेंट प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है.
इससे एक बात को साफ है चीनी सेना एलएसी पर तनाव को सर्दी तक लंबा खीचना चाहता है. हालाकि, भारतीय सेना ने भी पूरी तैयारी कर ली है और जितने सैनिक चीन ने एलएसी पर तैनात किये हुये उतनी ही संख्या में भारतीय जवान भी तैनात हैं. साफ है कि अगर चीनी सेना कोई हरकत करती है तो उसका माकूल जवाब देने के लिए सेना पहले से अधिक सतर्क और तैयार है.
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