भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और चीन परस्पर हितों और चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की गति बनाए रखने पर सहमति जताई. इसमें आतंकवाद का मुकाबला भी शामिल था. भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के उनके समकक्ष के यांग जिएची के बीच हुई बैठक में यह सहमति बनी.
बयान में इस बात का जिक्र नहीं है कि क्या दोनों पक्षों ने भारत की परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) की सदस्यता या पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए भारत के कदम का मुद्दा उठा या नहीं. डोभाल ने चीन के स्टेट काउंसिलर यांग से शुक्रवार को हैदराबाद में मुलाकात की. गत दो माह में यांग का यह तीसरा भारत दौरा है. डोभाल और यांग भारत और चीन की सीमा से जुड़े सवालों पर विशेष प्रतनिधि हैं.
विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया, 'चर्चा दोस्ताना, खुले और स्नेहपूर्ण माहौल में हुई. इसमें परस्पर हितों से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई.' वे राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और आतंकवाद के मुकाबला के क्षेत्रों उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की गति बनाए रखने पर सहमत हुए.
हालांकि बयान में इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया है कि चीन भारत की एनएसजी की सदस्यता की राह में जो रोड़े अटका रहा है क्या उसका मुद्दा डोभाल ने उठाया? इसी तरह से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर चीन द्वारा वीटो का इस्तेमाल करने पर भी बयान में कुछ नहीं कहा गया है. दोनों अधिकारी सीमा के सवाल पर विशेष प्रतिनिधियों के 20वें दौर की वार्ता अगले वर्ष भारत में करने पर सहमत हुए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बयान में इस बात का जिक्र नहीं है कि क्या दोनों पक्षों ने भारत की परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) की सदस्यता या पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए भारत के कदम का मुद्दा उठा या नहीं. डोभाल ने चीन के स्टेट काउंसिलर यांग से शुक्रवार को हैदराबाद में मुलाकात की. गत दो माह में यांग का यह तीसरा भारत दौरा है. डोभाल और यांग भारत और चीन की सीमा से जुड़े सवालों पर विशेष प्रतनिधि हैं.
विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया, 'चर्चा दोस्ताना, खुले और स्नेहपूर्ण माहौल में हुई. इसमें परस्पर हितों से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई.' वे राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और आतंकवाद के मुकाबला के क्षेत्रों उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की गति बनाए रखने पर सहमत हुए.
हालांकि बयान में इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया है कि चीन भारत की एनएसजी की सदस्यता की राह में जो रोड़े अटका रहा है क्या उसका मुद्दा डोभाल ने उठाया? इसी तरह से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर चीन द्वारा वीटो का इस्तेमाल करने पर भी बयान में कुछ नहीं कहा गया है. दोनों अधिकारी सीमा के सवाल पर विशेष प्रतिनिधियों के 20वें दौर की वार्ता अगले वर्ष भारत में करने पर सहमत हुए.
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