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यह हवेली बिकाऊ है! सांभर में पानी की किल्‍लत, पुश्तैनी हवेलियां बेचने के लिए लगे पोस्‍टर

राजस्‍थान के सांभर जिला पानी के संकट का सामना कर रहा है. यह समस्‍या इतनी गहरी है कि स्थानीय लोग हवेली बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

यह हवेली बिकाऊ है! सांभर में पानी की किल्‍लत, पुश्तैनी हवेलियां बेचने के लिए लगे पोस्‍टर

राजस्‍थान के सांभर का जब भी नाम आता है तो हर किसी के जेहन में यहां की मशहूर फीनी और खारे पानी की झीलों की तस्‍वीर जिंदा हो जाती है. राजधानी जयपुर से सिर्फ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सांभर अपने प्राकृतिक सौंदर्य, जायके और नमक के लिए पूरे विश्व में मशहूर. लेकिन अब यहां से जो तस्‍वीरें आ रही हैं, वो आपका दिल तोड़ सकती हैं. ये तस्वीरें सांभर में पानी की समस्या को दिखाने के लिए काफी हैं. यहां के स्थानीय नागरिक पिछले कुछ सालों में लगातार पलायन करने पर मजबूर हैं. जिन हवेलियों में कई पीढ़ियां बिती हैं, अब भारी मन से उन्‍हें ही बेचने के लिए पोस्टर लगाना पड़ रहा है. 

एक नहीं, सैंकड़ों हवेलियां 

इन दिनों सांभर जिला पानी के संकट का सामना कर रहा है. यह समस्‍या इतनी गहरी है कि स्थानीय लोग हवेली बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. इस वजह से पुश्तैनी हवेलियों के बाहर,  'यह घर बिकाऊ' है का पोस्टर नजर आने लगे हैं.  जब NDTV की टीम ने ग्राउंड  जीरो पर पहुंचकर इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि असल में एक नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में इन पुरानी हवेलियों के बाहर उन्हें बेचने के पोस्टर लगे हुए हैं. वजह केवल एक ही है और वह पानी का संकट. 

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बस 20 से 30 मिनट ही पानी 

यहां गृहणियों का कहना है कि पानी 3-4 दिन में आता है और वह भी बस 20 से 30 मिनट तक ही सप्‍लाई होती है. इसी सप्‍लाई में घर के छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल भी करनी होती है. वहीं पानी जब आता है तो इसे हासिल करना भी मशक्‍कत का काम है. लंबी लाइन में लगकर पानी मिल पाता है और कई बार तो ऐसी स्थिति हो जाती है कि लड़ाई-झगड़े तक की नौबत आ जाती है. इस समस्या की वजह से लोगों को शारीरिक के साथ ही साथ आर्थिक तौर पर भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. 

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नल तो हैं लेकिन जल नहीं 

हालांकि केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर में नल तो लगाया जा रहा है लेकिन इन नलों में जल सिर्फ कागजों तक ही सीमित है. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पानी की सप्लाई तो रेगुलर है लेकिन इसकी लाइन में लीकेज है. इस वजह से जहां 80 लाख लीटर पानी मिलना चाहिए वहां पर सिर्फ 40 लाख लीटर ही पानी सप्लाई होता है. इसके कारण यह समस्या हुई है.

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एसडीएम की तरफ से बताया गया है कि इस समस्या के समाधान करने के लिए संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का एक सोशल मीडिया ग्रुप भी बना है. इस ग्रुप में अलग-अलग 7 जोन बनाकर पानी की सप्लाई की जा रही है. वहीं वार्ड 22 और 23 के लिए अलग से लाइन लगाई गई है जिसका काम जल्द से जल्‍द पूरा कर लिया जाएगा. 

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