फाइल फोटो : मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों के हमले में जला सैना का वाहन (PTI)
नई दिल्ली:
मंगलवार की सुबह भारतीय सेना की एलीट 21 पैरा (विशेष) फोर्स जब म्यांमार के कुछ किलोमीटर पोन्यू में उग्रवादियों के शिविर पहुंची, तो उन्हें पता चला कि खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के उलट वह शिविर काफी हद खाली था।
इस मामले से ताल्लुक रखने वाले एक शीर्ष सूत्र ने एनडीटीवी को यह जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि राष्ट्रवादी सोशलिस्ट कॉन्सिल ऑफ नगालैंड- खापलांग या कहें एनएससीएन (के) के सैन्य कमांडर निकी सुमी इसी कैंप में मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि इसी उग्रवादी गुट ने मणिपुर में चार जून को भारतीय सेना की छह डोगरा टुकड़ी पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
सूत्र के मुताबिक, भारतीय कमांडो जब कैंप को नष्ट करने गए, तब तक वहां से ज्यादातर उग्रवादी भाग चुके थे। उन्होंने कहा कि सरकार अब यह पता लगाने में जुटी है, ये उग्रवादी वहां से भाग कैसे निकले।
सूत्र के मुताबिक, सुमी के बारे में पता चला है कि वह लगातार अपना लोकेशन बदलता रहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, हम इस संभावना से भी इनकार नहीं कर सकते कि भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद वे सेना की जवाबी कार्रवाई के लिए चौकन्ने होंगे।
इस बीच सेना को मिली खुफिया जानकारी और रेडियो इंटरसेप्ट में पता चला है कि इस ऑपरेशन में कम से कम 15 उग्रवादी मारे गए और करीब एक दर्जन उग्रवादी घायल हुए हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं कि सुमी इस अभियान में मारा गया या नहीं।
इस मामले से ताल्लुक रखने वाले एक शीर्ष सूत्र ने एनडीटीवी को यह जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि राष्ट्रवादी सोशलिस्ट कॉन्सिल ऑफ नगालैंड- खापलांग या कहें एनएससीएन (के) के सैन्य कमांडर निकी सुमी इसी कैंप में मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि इसी उग्रवादी गुट ने मणिपुर में चार जून को भारतीय सेना की छह डोगरा टुकड़ी पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
सूत्र के मुताबिक, भारतीय कमांडो जब कैंप को नष्ट करने गए, तब तक वहां से ज्यादातर उग्रवादी भाग चुके थे। उन्होंने कहा कि सरकार अब यह पता लगाने में जुटी है, ये उग्रवादी वहां से भाग कैसे निकले।
सूत्र के मुताबिक, सुमी के बारे में पता चला है कि वह लगातार अपना लोकेशन बदलता रहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, हम इस संभावना से भी इनकार नहीं कर सकते कि भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद वे सेना की जवाबी कार्रवाई के लिए चौकन्ने होंगे।
इस बीच सेना को मिली खुफिया जानकारी और रेडियो इंटरसेप्ट में पता चला है कि इस ऑपरेशन में कम से कम 15 उग्रवादी मारे गए और करीब एक दर्जन उग्रवादी घायल हुए हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं कि सुमी इस अभियान में मारा गया या नहीं।
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