नई दिल्ली:
गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल कमला बेनीवाल के बीच फिर ठन गई है। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल कमला बेनीवाल ने संशोधित लोकायुक्त बिल पुनर्विचार के लिए फिर से भेज दिया है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने आरए मेहता के मामले में चीफ जस्टिस के साथ टकराव के बाद कोर्ट में हार होने पर बिल के प्रावधान में ही संशोधन किया था। संशोधित बिल में लोकायुक्त के चयन में मुख्यमंत्री को ही ज़्यादा अधिकार दिए गए हैं।
इस मामले जहां भापजा ने रविशंकर प्रसाद ने राज्यपाल पर राज्यों के अधिकार पर अतिक्रमण का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल के कदम का बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग कर यह फैसला किया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के महासचिव नरेश अग्रवाल ने कहा कि राज्यपाल के जरिये केंद्र राज्यों के कामकाज में दखल दे रहा है, जो गलत है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने आरए मेहता के मामले में चीफ जस्टिस के साथ टकराव के बाद कोर्ट में हार होने पर बिल के प्रावधान में ही संशोधन किया था। संशोधित बिल में लोकायुक्त के चयन में मुख्यमंत्री को ही ज़्यादा अधिकार दिए गए हैं।
इस मामले जहां भापजा ने रविशंकर प्रसाद ने राज्यपाल पर राज्यों के अधिकार पर अतिक्रमण का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल के कदम का बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग कर यह फैसला किया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के महासचिव नरेश अग्रवाल ने कहा कि राज्यपाल के जरिये केंद्र राज्यों के कामकाज में दखल दे रहा है, जो गलत है।
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