यूपी के बदायूं जिले में मेंटल होम में मरीजों को चेन से बांधने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह मानसिक रोगियों को चेन से बांधना अमानवीय और जीने के अधिकार का उल्लंघन है.
कोर्ट ने कहा कि मानसिक रोगियों के भी संवैधानिक अधिकार हैं और गरिमा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर जवाब मांगा है. SG तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने माना कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. तुषार ने जवाब के लिए दो दिनों का वक्त मांगा है. सुप्रीम कोर्ट सात जनवरी को सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हैरानी जताई. वकील गौरव बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा कि बदायूं में जिस तरह रोगियों को चेन से बांधा जाता है, वह मानवाधिकार का उल्लंघन है.
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