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अनिद्रा की वजह से ADHD से प्रभावित लोगों की लाइफ क्वालिटी हो सकती है खराब: स्टडी

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) ‘मेंटल हेल्थ’ में प्रकाशित इस अध्ययन में ‘नीदरलैंड स्लीप रजिस्ट्री’ के आंकड़ों का अध्ययन किया गया, जो 10 हजार से ज्यादा वयस्क प्रतिभागियों का एक ऑनलाइन सर्वेक्षण था.

अनिद्रा की वजह से ADHD से प्रभावित लोगों की लाइफ क्वालिटी हो सकती है खराब: स्टडी
एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है.

ध्यान अभाव अतिसक्रियता विकार (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) से होने वाली अनिद्रा या नींद की गड़बड़ी, एडीएचडी के लक्षणों वाले वयस्कों के लाइफ क्वालिटी में कमी का कारण हो सकती है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. आमतौर पर बचपन और किशोरावस्था में सामने आने वाले एडीएचडी में बेचैनी, अतिसक्रियता और कम ध्यान जैसे लक्षण होते हैं. यह एक न्यूरोडेवलपमेंट डिसऑर्डर है जो ब्रेन के ‘प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स' के देरी से परिपक्व होने से जुड़ा है, जो ध्यान और एकाग्रता के लिए जरूरी है.

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ब्रिटेन के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय और नीदरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोसाइंस के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में, शोधकर्ताओं ने पाया कि वयस्कों में ध्यान न देने और अतिसक्रियता के एडीएचडी संबंधी लक्षण ज्यादा गंभीर अनिद्रा, स्लिप क्वालिटी में कमी और देर से सोने और देर से जागने की आदत से जुड़े थे.

10 हजार से ज्यादा लोगों पर की गई स्टडी

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) ‘मेंटल हेल्थ' में प्रकाशित इस अध्ययन में ‘नीदरलैंड स्लीप रजिस्ट्री' के आंकड़ों का अध्ययन किया गया, जो 10 हजार से ज्यादा वयस्क प्रतिभागियों का एक ऑनलाइन सर्वेक्षण था.

एडीएचडी के लक्षणों, नींद की गड़बड़ी, अवसाद और लाइफ क्वालिटी से जुड़े सवालों पर 1,364 मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध वयस्क प्रतिभागियों के जवाबों का विश्लेषण किया गया.

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर, वरिष्ठ लेखिका सारा एल चेलप्पा ने कहा, "हम जानते हैं कि नींद में गड़बड़ी नर्व्स बिहेवियर और कॉग्नेटिव सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जिसमें ध्यान और भावनात्मक विनियमन शामिल हैं. साथ ही, नींद में व्यवधान एडीएचडी से संबंधित आवेगशीलता और अतिसक्रियता से पैदा हो सकता है, जो नींद संबंधी विकारों और एडीएचडी के बीच एक मजबूत चक्र का संकेत देता है."

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लेखकों ने कहा कि एडीएचडी से ग्रस्त लोगों में सामान्य आबादी की तुलना में लगभग आठ गुना ज्यादा नींद संबंधी विकार का पता चलता है, जो नींद में देरी, सोते समय ज्यादा हिलना-डुलना, दिन में नींद आना या रात में कम नींद के रूप में प्रकट हो सकता है.

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के सह-लेखक सैमुएल कॉर्टेस ने कहा कि अपनी समझ में सुधार करके, हम ऐसे उपचार विकल्प खोज सकते हैं जो एडीएचडी से ग्रस्त लोगों के जीवन की क्वालिटी में सुधार करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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