विज्ञापन
This Article is From Apr 24, 2018

दुष्कर्म दोषियों को मौत की सजा पर 76 फीसदी लोग सहमत : सर्वे

लोकलसर्किल' ने एक सर्वे किया. इस सर्वे में 40 हजार से लोगों ने हिस्सा लिया.जिसमें से 76 फीसदी लोगों ने कहा कि बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा मिलनी चाहिए.

दुष्कर्म दोषियों को मौत की सजा पर 76 फीसदी लोग सहमत : सर्वे
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: दुष्कर्म के दोषियों के लिए मौत की सजा को लेकर हुए एक सर्वे में 76 फीसद लोगों ने इस सजा को जायज ठहराया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा बच्चों से दुष्कर्म के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने वाले अध्यादेश पर मुहर लगने के एक दिन बाद 'लोकलसर्किल' ने एक सर्वे किया. इस सर्वे में 40 हजार से लोगों ने हिस्सा लिया. जिसमें से 76 फीसदी लोगों ने कहा कि बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा मिलनी चाहिए. वहीं 18 फीसदी लोगों ने दुष्कर्म दोषियों को बिना पैरोल के जीवन भर उम्रकैद की सजा देने पर सहमति जताई, जबकि 3 फीसदी लोगों ने कहा कि सात साल जेल की सजा (जैसा अभी कानून है) होनी चाहिए. 

यह भी पढ़ें : मासूम के साथ रेप करने वालों को मिलेगी फांसी की सजा, पढ़ें अध्‍यादेश पर कठुआ गैंगरेप पीड़ित के पिता ने क्‍या कहा 

दूसरे सर्वे में 89 फीसदी लोगों ने अपने-अपने राज्यों में एक ऐसा कानून पारित करने की इच्छा जताई जिसमें छह महीने के भीतर मौत की सजा सुनाई जाए. आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश बाल दुष्कर्म के लिए मौत की सजा वाला कानून पहले ही पारित कर चुके हैं. यौन उत्पीड़न के मामलों को दर्ज करने के लिए अधिक महिला अधिकारियों को जोड़ने वाले एक अन्य सर्वे में पाया गया कि 78 फीसदी नागरिक प्रत्येक जिला स्तर पुलिस थाने में कम से कम एक महिला अधिकारी तैनात करने के समर्थन में हैं.

यह भी पढ़ें : रेप मामले में मौत की सजा संबंधी अध्यादेश लाने से पूर्व कोई वैज्ञानिक आकलन हुआ? कोर्ट ने केंद्र से किया सवाल

इसी तरह एक अन्य सर्वे के मुताबिक 65 फीसदी लोग चाहते हैं कि पॉस्को न्यायाधीश केवल नाबालिग से यौन दुर्व्यव्हार से संबंधित मामलों को संभालें. नाबालिग से दुष्कर्म मामलों में पुलिस द्वारा आरोपपत्र दायर करने में लगने वाले समय से संबंधित सर्वे में केवल 28 फीसदी लोगों ने कहा कि इसे 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए, जबकि 25 फीसदी ने इसे 45 दिनों के भीतर करने को कहा. वहीं पॉस्को अधिनियम के तहत नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में न्याय के लिए समय सीमा पर हुए अंतिम सर्वे में 85 फीसदी नागरिकों ने कहा कि छह महीने में न्याय दिया जाना चाहिए. 

यह भी पढ़ें : POCSO एक्ट में बदलाव के बाद DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने तोड़ा अनशन

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
PM मोदी जन्मदिन विशेष: जब नरेंद्र मोदी ने मां से नजदीकियों और अपने बचपन को याद कर सबको कर दिया था भावुक
दुष्कर्म दोषियों को मौत की सजा पर 76 फीसदी लोग सहमत : सर्वे
"तरंग शक्ति" मित्र देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास बनाने का एक माध्यम : राजनाथ सिंह
Next Article
"तरंग शक्ति" मित्र देशों के बीच सहयोग और आपसी विश्वास बनाने का एक माध्यम : राजनाथ सिंह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com