उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ में जमीन धंसने को लेकर प्रशासन के साथ अहम बैठक कर रहे हैं. सीएम अधिकारियों के साथ बातचीत कर मुआवजा तय करेंगे. इस बैठक में चमोली के जिलाधिकारी, कमिश्नर और बद्रीनाथ के विधायक सहित कई लोग शामिल हैं.
स्थानीय लोगों को समझाया जा सके, इसलिए जोशीमठ के कुछ पुजारियों को भी बुलाया गया है. बैठक में भू-वैज्ञानिकों की एक टीम भी मौजूद है.
मुख्यमंत्री बुधवार से ही भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में मुआवजे का मुद्दा सुलझाने के लिए रुके हुए हैं. उन्होंने शहर का जायजा लेने के बाद प्रभावित लोगों के लिए अंतरिम सहायता की घोषणा की. सीएम धामी ने कहा कि हम जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े हैं. प्रधानमंत्री स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. प्रभावित लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा.
जोशीमठ में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चिह्नित असुरक्षित भवनों में से केवल दो होटल को ही अभी तोड़ा जाएगा और यह भी सबकी सहमति से होगा. उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन तथा चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाए कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी विकास कार्य हो रहा है, वहां 'पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन' होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने समुचित तरीके से राहत और पुनर्वास कार्यों को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि अंतरिम राहत की घोषणा लोगों को फौरी रूप से राहत देने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि यहां भू-धंसाव के कारण जितना नुकसान होना था, वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है.
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