विज्ञापन

NDTV की 'कचहरी' का असर: रेल ओवरब्रिज और चेक डैम की होगी जांच, गांव वालों को मिलेगा मीठा पानी

एनडीटीवी पर शुभांकर मिश्रा के शो 'कचहरी' का असर अब दिखने लगा है. इस शो में दिखाई गई इंदौर के रेल ओवरब्रिज की Z आकार की डिजाइन पर वहां के सांसद ने पत्र लिखा है. वहीं छत्तीसगढ़ में बने चेक डैम की जांच कराई जाएगी तो राजस्थान के एक गांव में पीने का मीठा पानी मिलेगा.

NDTV की 'कचहरी' का असर: रेल ओवरब्रिज और चेक डैम की होगी जांच, गांव वालों को मिलेगा मीठा पानी
  • NDTV के शो कचहरी में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पीएम कृषि सिंचाई योजना के चेक डैम में भ्रष्टाचार की खबर दिखाने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए.
  • इंदौर में बन रहे Z आकार के रेल ओवरब्रिज के त्रुटिपूर्ण डिजाइन पर सांसद ने सुधार के निर्देश दिए हैं और लोक निर्माण मंत्री को पत्र लिखा है.
  • राजस्थान के बारां जिले के छिपौल गांव में पेयजल समस्या पर एनडीटीवी की खबर के बाद कलेक्टर ने बोरवेल करवाने का आदेश दिया है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

एनडीटीवी के शो कचहरी का असर दिखना शुरू हो गया है. शुभांकर मिश्रा के शो में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पीएम कृषि सिंचाई योजना के चेक डैम में भ्रष्टाचार की खबर दिखाई गई थी. इस मामले में कलेक्टर ने जांच के लिए कमेटी बनाई है. इसी तरह से इंदौर में बन रहे Z आकार के पुल की खबर दिखाई गई थी. इस पर वहां के सांसद ने कहा है कि पुल को ठीक किया जाएगा. वहीं राजस्थान के बारां जिले के एक गांव में पीने के पानी की समस्या की खबर दिखाई गई थी. खबर दिखाने के लिए एनडीटीवी की सराहना करते हुए वहां के कलेक्टर ने कहा है कि छिपौल गांव को अब मीठा पानी पीने के लिए मिलेगा.

इंदौर का Z आकार वाला रेल ओवरब्रिज

'कचहरी' में इंदौर में बन रहे एक रेलवे ओवरब्रिज के त्रुटिपूर्ण डिजाइन की खबर दिखाई गई थी. दरअसल शहर के पोलोग्राउंड पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) रेलवे ओवरब्रिज बनाया जा रहा है. इस पुल का डिजाइन अंग्रेजी के अक्षर जेड (Z) जैसा है. यह पुल पोलोग्रांड औद्योगिक क्षेत्र से एमआर-4 को जोड़ता है. इसमें पहला 90 डिग्री का एंगल लक्ष्मीबाई नगर से भागीरथपुरा होते हुए पोलोग्राउंड की ओर बढ़ रहे ब्रिज में बन रहा है. ऐसे ही दूसरा 90 डिग्री का एंगल पोलोग्राउंड से एमआर-4 की तरफ वाले हिस्से में बन रहा है.

एनडीटीवी पर खबर दिखाए जाने के बाद इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने आरओबी के डिजाइन में प्रस्तावित तीखे मोड़ में बदलाव के लिए अधिकारियों को हिदायत देने के साथ ही सूबे के लोक निर्माण मंत्री को पत्र लिखा है, जिससे आरओबी के कारण हादसे और यातायात जाम होने की आशंकाओं को दूर किया जा सके. वहीं पीडब्ल्यूडी के पुल निर्माण विभाग की कार्यपालन इंजीनियर गुरमीत कौर भाटिया ने कहा,''मीडिया में आईं खबरों में इंदौर के निर्माणाधीन आरओबी को लेकर 90 डिग्री के मोड़ का मुद्दा उठा है. इसलिए आरओबी के डिजाइन का फिर से परीक्षण किया जा रहा है. अगर इसमें सुधार की कोई आवश्यकता होगी, तो सुधार किया जाएगा.''

चेक डैम के निर्माण में भ्रष्टाचार

इसी तरह से छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार की खबर भी दिखाई गई थी.यह योजना लक्ष्य 'हर खेत को पानी' और 'प्रति बूंद अधिक फसल' है. यह योजना दुर्ग जिले में भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ रही है. इस योजना के तहत बने चेक डैम (छोटा बांध) की गुणवत्ता इतनी खराब है कि वो किसानों को लाभ देने की बजाय नुकसान पहुंचा रहे हैं. ग्राउंड रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि नियमों की अनदेखी, घटिया सामग्री का उपयोग और जवाबदेही की कमी ने इस योजना को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है.

यह खबर नौ जुलाई को 'कचहरी' में दिखाई गई थी.खबर दिखाए जाने के बाद दुर्ग कलेक्टर ने इन चेक डैम की जांच और घटिया निर्माण की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक तीन सदस्यों वाली जांच टीम का गठन किया है. 

बारां के छिपौल गांव में होगी मीठे पानी की आपूर्ति

इसी तरह से राजस्थान के बारां जिले के कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने एनडीटीवी की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि एनडीटीवी पर छिपौल गांव में पेयजल की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया था. जिला कलेक्टर ने इस खबर को गंभीरता से लेते हुए अब छिपौल गांव में बोरवेल की सुविधा करवा दी है. बोरवेल का बजट पास हो गया है. उनके मुताबिक अगले 15 दिनों में बोरिंग लगकर टंकी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके बाद अब गांव वालों को बोरवेल से मीठा पानी मिल सकेगा. 

जिला कलेक्टर ने गांव में हैंडपंप की व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन जल स्तर नीचे चले जाने और भूमि के पथरीले होने की वजह से वे फेल हो गए थे.इसलिए अभी वहां पानी के पानी की कोई स्थायी नहीं थी. उन्होंने कहा कि इन परिवारों को 'जल जीवन मिशन' के तहत परवन अकावत में शामिल किया गया है, इसलिए हर घर में नल से जल पहुंचाने में थोड़ा समय लग रहा था.उन्होंन कहा कि एनडीटीवी की खबर पर कार्रवाई करते हुए जिला परिषद की टीम मौके पर पहुंची.टीम ने वहां एक कार्य योजना बनाई.इसके तहत थोड़ी दूरी पर स्थित एक जलस्रोत से गांव तक करीब 700 मीटर की पाइपलाइन बिछाई जाएगी.वहां पानी की एक छोटी टंकी बनाई जाएगी.इससे बस्ती में नियमित जल आपूर्ति होगी. 

ये भी पढ़ें: भारत की जनसंख्या 1.46 अरब पहुंची, लेकिन प्रजनन दर में गिरावट- UN की रिपोर्ट क्या गणित बता रही?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com