नीतीश कुमार की फाइल फोटो
पटना:
'ललितगेट' के बहाने हर राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंक रहा है। हर दिन इस मामले में नए खुलासे हो रहे हैं और हर दिन केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर इस्तीफे की मांग और दबाव बढ़ता जा रहा है।
बिहार में नीतीश और लालू को इस बहाने बीजेपी पर निशाना साधने का मौका ही नहीं मिल गया है बल्कि 'जंगल राज' के आरोप के जवाब में नए हथियार भी मिल गए हैं।
नीतीश कुमार ने पार्टी के एक किसान सम्मलेन में पूछा कि अगर बिहार में लालू यादव से हाथ मिलाने से जंगल राज आ गया तो केंद्र में ये कैसा मंगल राज है, जहां आर्थिक अपराधियों को मानवीय आधार पर सहयता दी जा रही है। नीतीश ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा, 'भगोड़े की मदद करना कौन सा मंगल राज है।'
नीतीश ने कहा कि क्या सरकार आने वाले दिनों में मानवीय आधार पर देश के कानून को तोड़ने वाले सभी अपराधियों की मदद करेगी।'
नीतीश ने पूछा, 'ये मानवीय आधार पर मदद कर रहे हैं, वाह रे मानवीय आधार, लेकिन किसान की जमीन लेने के समय कोई मानवीय आधार नहीं।'
निश्चित रूप से नीतीश इन दिनों लालू के साथ सम्बंधों के बाद जंगल राज के आरोपों के खिलाफ तर्क कर रहे हैं और ललित मोदी प्रकरण से निश्चित रूप से उन्हें केंद्र सरकार खासकर बीजेपी पर हमला करने के लिए मसाला मिल गया है।
नीतीश ने गुरुवार को लालकृष्ण आडवाणी के उस इंटरव्यू का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने देश में आपातकाल की आशंका व्यक्त की है। नीतीश ने कहा कि जब बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के आडवाणी जी ऐसी चिंता व्यक्त कर रहे हैं, तब इस देश में आम आदमी कैसे इनपर यकीन करेगा।
नीतीश ने इस किसान सम्मलेन में साफ किया कि किसी भी हालत में भूमि अधिग्रहण विधेयक को बिहार में लागू नहीं किया जायेगा। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बीजेपी अध्यक्ष के दिनों के भाषण का अंश भी चलाया कि भूमि अधिग्रहण किसानों के खिलाफ है।
हालांकि, बिहार बीजेपी के नेता मानते हैं कि नीतीश कितना भी ललित मोदी प्रकरण पर बोल लें, लेकिन चुनावों में इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि बीजेपी नेतृत्व इस मुद्दे को आने वाले कुछ दिनों में सुलझा लेगा।
बिहार में नीतीश और लालू को इस बहाने बीजेपी पर निशाना साधने का मौका ही नहीं मिल गया है बल्कि 'जंगल राज' के आरोप के जवाब में नए हथियार भी मिल गए हैं।
नीतीश कुमार ने पार्टी के एक किसान सम्मलेन में पूछा कि अगर बिहार में लालू यादव से हाथ मिलाने से जंगल राज आ गया तो केंद्र में ये कैसा मंगल राज है, जहां आर्थिक अपराधियों को मानवीय आधार पर सहयता दी जा रही है। नीतीश ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा, 'भगोड़े की मदद करना कौन सा मंगल राज है।'
नीतीश ने कहा कि क्या सरकार आने वाले दिनों में मानवीय आधार पर देश के कानून को तोड़ने वाले सभी अपराधियों की मदद करेगी।'
नीतीश ने पूछा, 'ये मानवीय आधार पर मदद कर रहे हैं, वाह रे मानवीय आधार, लेकिन किसान की जमीन लेने के समय कोई मानवीय आधार नहीं।'
निश्चित रूप से नीतीश इन दिनों लालू के साथ सम्बंधों के बाद जंगल राज के आरोपों के खिलाफ तर्क कर रहे हैं और ललित मोदी प्रकरण से निश्चित रूप से उन्हें केंद्र सरकार खासकर बीजेपी पर हमला करने के लिए मसाला मिल गया है।
नीतीश ने गुरुवार को लालकृष्ण आडवाणी के उस इंटरव्यू का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने देश में आपातकाल की आशंका व्यक्त की है। नीतीश ने कहा कि जब बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के आडवाणी जी ऐसी चिंता व्यक्त कर रहे हैं, तब इस देश में आम आदमी कैसे इनपर यकीन करेगा।
नीतीश ने इस किसान सम्मलेन में साफ किया कि किसी भी हालत में भूमि अधिग्रहण विधेयक को बिहार में लागू नहीं किया जायेगा। इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बीजेपी अध्यक्ष के दिनों के भाषण का अंश भी चलाया कि भूमि अधिग्रहण किसानों के खिलाफ है।
हालांकि, बिहार बीजेपी के नेता मानते हैं कि नीतीश कितना भी ललित मोदी प्रकरण पर बोल लें, लेकिन चुनावों में इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि बीजेपी नेतृत्व इस मुद्दे को आने वाले कुछ दिनों में सुलझा लेगा।
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