महाराष्ट्र (Maharashtra) में अगर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना (Congress-NCP-Shiv Sena) गठबंधन की सरकार बनती है तो पीएम मोदी की महात्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर ब्रेक पर लग सकती है. यह बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली है. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने एनडीटीवी से बताया कि इस नए गठबंधन के नेता इस परियोजना से महाराष्ट्र का हाथ खींचने का विचार कर रहे हैं. इस परियोजना की कुल लागत एक लाख करोड़ रुपये है. साल 2017 के सितंबर महीने में पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी थी. जापान ने इस प्रोजेक्ट के लिए भारत 0.1 प्रतिशत ब्याज पर 88,000 करोड़ रुपये का लोन भी दिया है.
वहीं कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार को इस परियोजना का पूरा खर्च वहन करना चाहिए. महाराष्ट्र इसमें कोई भी खर्च नहीं उठाएगा. नाम न बताने की शर्त पर कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों के कल्याण और कर्जमाफी के मुद्दे भी एजेंडे में हैं. वहीं इस मुद्दे पर एनसीपी के एक नेता ने न्यूज एजेंसी आईएनएस से बातचीत में कहा कि मुंबई में तीनों पार्टियों के नेताओं की पहली बैठक में इस परियोजना पर भी चर्चा हुई है जिसमें बताया गया कि 1.08 लाख करोड़ की लागत वाली इस परियोजना में महाराष्ट्र 5,000 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगा. उन्होंने कहा, 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे पर हैं कि एक बार सरकार बन जाने के बाद हम केंद्र को सूचित करेंगे कि महाराष्ट्र इस परियोजना पर खर्च करने के बजाए इतना ही पैसा लोगों के कल्याण में खर्च करेगा'
गौरतलब है कि अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली इस बुलेट ट्रेन की गति 350 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. इस परियोजना को साल 2023 तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है. राष्ट्रीय तीव्र गति रेल निगम (NHSRCL) ने इस परियोजना के लिए 48 फीसदी तक भूमि अधिग्रहण कर लिया है और कई कामों के लिए ठेके भी जारी कर दिए हैं. (इनपुट- IANS से भी)
मुंबई में आज होंगी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की बैठकें
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