लखनऊ:
मुसलमानों के एक संगठन ने आईसीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल एक किताब में पैगम्बर का कथित कार्टून छापे जाने पर मंगलवार को नाराजगी जाहिर करते हुए केन्द्र सरकार से इस पर तीन दिन के अंदर माफी मांगने और किताब की प्रतियां वापस लेने की मांग की है। सुन्नी मरकज के संस्थापक सैयद मौलाना हाशमी किछौछवी ने कहा कि आईसीएसई बोर्ड की चौथी कक्षा की किताब मारल एजूकेशन एथिक्स के बीइंग गुड एंड जेंटल शीर्षक वाले अध्याय में पैगम्बर का कार्टून छापा गया है, जिससे मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं। किताब की आठ लाख प्रतियां वितरित हो चुकने का दावा करते हुए उन्होंने कहा हमारी मांग है कि केन्द्र सरकार इस कार्टून के छापे जाने पर तीन दिन के अंदर माफी मांगकर किताब को रद्द करे और उन्हें वापस मंगाए वरना हम अदालत की शरण लेंगे। साथ ही लोकतांत्रिक तरीके से विरोध भी करेंगे। मौलाना ने कहा कि अगर इस कार्टून का प्रकाशन केन्द्र को बताए बगैर किया गया है तो सरकार को आईसीएसई बोर्ड तथा किताब के प्रकाशक पर मुकदमा चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में कोई भी तस्वीर बनाने की सख्त मनाही है और बोर्ड द्वारा संचालित किताब में कार्टून के जरिये पैगम्बर की मान-मर्यादा से खिलवाड़ किया गया है। ऐसे काम देश की एकता को खंडित करते और सद्भाव को बिगाड़ते हैं। संगठन के सदस्य एस. एम. साहिल ने इस मौके पर कहा कि सुन्नी मरकज ने इस मामले पर अपनी आपत्ति राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भेज दी है। उसका जवाब आने पर इस प्रकरण को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।