आईएएस बी चंद्रकला ( B Chandrakala) ED की नोटिस के बाद भी बीते 24 जनवरी को लखनऊ ऑफिस पर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुईं, बल्कि उन्होंने अपने वकील से ही जरूरी दस्तावेज भेज दिए थे. हालांकि ईडी चंद्रकला से ही पूछताछ कर सभी आरोपों की छानबीन करना चाहता है. बताया जा रहा है कि चंद्रकला को ईडी ने पूछताछ के लिए फिर से समन जारी किया है. सूत्र बता रहे हैं कि अगर चंद्रकला ने पूछताछ के दौरान अपने ऊपर खनन के पट्टों के लिए ऊपर से आए दबावों का कहानी बयां की तो कई बड़े नेता और उस दौरान पंचम तल पर तैनात वरिष्ठ अफसर फंस सकते हैं. सूत्र बताते हैं कि गायत्री प्रजापति के खनन मंत्री रहते हुए लखनऊ से कई जिलों के डीएम को खनन पट्टों के लिए मौखिक आदेश जारी किए जाते थे. इनमें ज्यादातर पट्टे तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के नेताओं और अन्य प्रभावशाली लोगों से जुड़े होते थे. कुछ डीएम ने लखनऊ से आए फोन के आगे घुटने नहीं टेके तो आज वे बेखौफ होकर नौकरी कर रहे हैं, मगर ऊपरी दबाव में आकर हमीरपुर में नियमों को धता बताकर खनन के पट्टे रेवड़ियों की तरह बांटने के चलते आज चंद्रकला सीबीआई और ईडी की जांच में फंस गईं हैं. खनन घोटाले के पचड़े में फंसने से बी चंद्रकला की वह सारी लोकप्रियता मिट्टी में मिल गई, जो उन्होंने नौकरी के कुछ वर्षों बाद से अपने एक्शन से हासिल की थी.
चंद्रकला से पूछताछ को लेकर जिस तरह से ईडी सक्रिय हुई है, उससे पिछली सरकार में प्रभावशाली पदों पर रहे कई बड़े अफसरों की भी नींद उड़ी हुई है. बता दें कि बीते पांच जनवरी को बी. चंद्रकला (IAS B Chandrakala) के लखनऊ स्थित घर पर सीबीआई ने पकरीब दो घंटे तक छापेमारी की थी. IAS बी. चंद्रकला पर गलत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप है. चंद्रकला बुलंदशहर, हमीरपुर, मथुरा, मेरठ और बिजनौर में डीएम रह चुकी हैं. बी चंद्रकला (IAS B Chandrakala) तेलंगाना के करीमनगर जिले की रहने वाली हैं. 2008 की यूपी काडर आईएएस हैं. बुलंदशहर में डीएम रहते चंद्रकला का 2014 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसने उन्हें सोशल मीडिया की सनसनी बना दिया. उस वीडियो में वह सड़क की खराब गुणवत्ता पर ठेकेदार और इंजीनियर को सरेआम फटकार लगा रहीं थीं. चंद्रकला कई जिलों में डीएम रहीं, जिसमें हमीरपुर भी शामिल है.
हमीरपुर में डीएम रहते चंद्रकला पर सपा एमएलसी रमेश मिश्रा सहित कुल 10 लोगों के साथ मिलकर अवैध खनन का आरोप है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जांच में जुटी सीबीआई ने 5 जनवरी को उनके अलावा अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की. एक जनवरी 2019 को उनके खिलाफ सीबीआई के डिप्टी एसपी केपी शर्मा ने खनन मामले में केस दर्ज किया है. इस मामले की जांच जारी है. बताया जा रहा है कि यूपी में अवैध खनन मामले में सूत्रों का कहना है कि 2012 से जुलाई 2013 तक यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी खनन मंत्री रहे हैं. ऐसे में उनकी भूमिका की भी जांच होगी और सीबीआई से पूछताछ भी संभव है.
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दरअसल, समाजवादी पार्टी की सरकार में अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं पहुंचीं थीं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में यूपी में अवैध खनन की जांच के आदेश दिए. यूपी के सात प्रमुख जिलों में अवैध खनन की शिकायत इलाहाबाद कोर्ट को मिली थी. उस दौरान फतेहपुर, देवरिया, शामली, कौशांबी, सहारनपुर, सिद्धार्थनगर, हमीरपुर में अवैध खनन का मामला सामने आया था. हमीरपुर मामले में दो जनवरी,2019 को सीबीआई के डिप्टी एसपी केके शर्मा ने केस दर्ज कराया. इसी केस में शनिवार को सीबीआई ने आईएएस बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित फ्लैट सहित 14 स्थानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी कानपुर, लखनऊ, हमीरपुर, जालौन, नोएडा में भी हुई. आईपीसी की धाराओं 379,384,420,511 120 B और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत संबंधितों पर केस दर्ज हुआ है.. 2012 से 2016 के बीच में बालू की माइनिंग अवैध तरीके से की गई थी. शिकायतों के मुताबिक अधिकारी अवैध खनन कर रहे लोगों और अवैध बालू ले जा रहे वाहनों के ड्राईवरों से पैसे ऐंठते थे.
वीडियो- यूपीः खनन घोटाले में आईएएस चंद्रकला सहित कई लोगों के घर छापेमारी
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