असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने NDTV से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए अपने जीवन के 22 साल बर्बाद किए हैं. कांग्रेस से बीजेपी में आने को लेकर हिमंता बिस्वा ने कहा कि ये कोई विचारधारा के बदलने जैसा नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में रहते हुए आप हमेशा एक परिवार की पूजा कर रहे होते हैं, जबकि बीजेपी में रहते हुए आप देश की पूजा करते हैं. सीएम हिमंत वर्ष 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें असम में जीत के बाद राज्य का सीएम बनाया.
NDTV से बातचीत में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आम तौर पर हिंदू दंगों में शामिल नहीं होते हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को एनडीटीवी से यह बात कही. जबकि बीजेपी के दृष्टिकोण को लेकर उस पर कड़े आरोप लगते रहते हैं. पार्टी को देश में सबसे अधिक सांप्रदायिक हिंसा के लिए दोषी ठहराया जाता है.
सरमा से उनके उक्त बयान के संदर्भ में उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा भड़काऊ बयानबाजी, "लव जिहाद" और आफताब पूनावाला पर उनकी टिप्पणी, अपनी गर्ल फ्रेंड की हत्या के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति, या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 2002 के दंगाइयों को "सबक" सिखाने की टिप्पणी के बारे में अपना नजरिया साफ करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, "आपके लिए यह एक सांप्रदायिक बयान है, किसी भी वामपंथी झुकाव वाले व्यक्ति के लिए यह एक सांप्रदायिक टिप्पणी है, लेकिन मैंने यह राष्ट्रीय भावना में कहा है."
उन्होंने लव जिहाद के दावों को प्रचारित करने पर कहा, एक साजिश है जिसमें मुस्लिम पुरुषों पर हिंदुओं को लुभाने का आरोप लगाया जाता है. महिलाओं को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है.
सरमा ने कहा कि, "मैं इसे (लव जिहाद को नजरअंदाज करना) कुछ लोगों द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति के रूप में देखता हूं. यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है. लव जिहाद के सबूत हैं. यहां तक कि आफताब पूनावाला के पॉलीग्राफ टेस्ट में भी कहा गया है कि उसने खुलासा किया कि उसके काम सामने आएंगे और उसे जन्नत मिलेगी. इस पर रिपोर्टें हैं."
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