"मैं कोई ज्योतिषी तो हूं नहीं, लेकिन..." कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर बोलीं स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि अगर कोई गलती से जय बजरंग बली भी बोल दे तो कांग्रेस वाले चुनाव आयोग के पास शिकायत लेकर चले जाएंगे.

कर्नाटक चुनाव : स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

नई दिल्ली:

कर्नाटक चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक बड़ा बयान दिया है. ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस ने जिन मुद्दों को उठाया है उन्हें देखते हुए लग रहा है कि राज्य में बीजेपी ही सत्ता में आएगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस "हिन्दू विरोधी" पार्टी की तरह उभरी है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस ने घोषणा की है कि वो जैसे ही सत्ता में आएगी बजरंग दल और पीएफआई जैसी अन्य संगठनों को बैन करेगी. 

"हिन्दू संगठन की तुलना आतंकवादी संगठनों से की"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिन्दू विरोध है. उनके घोषणा पत्र से साफ तौर पर इस बता चल जाता है. कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो हिन्दू संगठन की तुलना आतंकवादी संगठनों से करती है. इससे भी साफ पता चलता है कि वो किस धर्म को मानते हैं और धार्मिक संगठनों को लेकर उनकी क्या नजरिया है. 

स्मृति ईरानी ने कहा कि अगर कोई गलती से जय बजरंग बली भी बोल दे तो कांग्रेस वाले चुनाव आयोग के पास शिकायत लेकर चले जाएंगे. क्या कांग्रेस अपने इन बयानों को लेकर एक हिंदू भगवान के आगे झुकेगी और माफी मांगेगी? क्या उनका घोषणापत्र झूठा था?

"बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई सुझाव नहीं"

कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध का उल्लेख करने के खिलाफ संघ परिवार के कड़े विरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहाथा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई सुझाव नहीं है. उन्होंने उडुपी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने नफरत की राजनीति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में घोषणापत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख किया था.

"पटेल ने RSS पर लगाया था प्रतिबंध"

मोइली ने कहा था कि राज्य सरकारों को ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा था कि अब सरदार वल्लभभाई पटेल की पूजा करने वाली भाजपा भूल जाती है कि पटेल ने एक समय आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में जवाहरलाल नेहरू ने इस निर्णय को रद्द कर दिया था. नफरत की राजनीति पर उच्चतम न्यायालय का रुख बहुत स्पष्ट है. इसी के मद्देनजर हमने अपने घोषणापत्र में इसका वर्णन किया था, लेकिन हमारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है. केरल कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने आज इसे स्पष्ट कर दिया है.

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कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल पर भाजपा और कांग्रेस में बढ़ा टकराव