
बच्ची की मदद के लिए कार के आस-पास भीड़ एकत्र हो गई
Quick Take
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बच्ची के रोने पर लोग एकत्र हो गए
भीड़ ने लॉक दरवाजा खोलकर उसे आजाद किया
नाराज लोगों ने माता-पिता की पिटाई कर दी
दरअसल परिवार बेंगलुरु जा रहा था और इस चक्कर में हैदराबाद के बाहरी शमशाबाद इलाके में अभिभावक गाड़ी खड़ी कर नाश्ता करने चले गए. बच्ची उस वक्त सो रही थी, इसलिए उन्होंने उसको कार में छोड़ने का निश्चय किया और होटल के बाहर कार पार्क कर अंदर खाने चले गए. इस बीच गर्मी की वजह से बच्ची जाग गई और खाली कार देखकर जोर-जोर से रोने लगी. चंद मिनटों में ही लोगों का ध्यान उसकी तरफ गया और सबने देखा कि पीछे की सीट पर एक बच्ची रो रही है.
एक मोबाइल वीडियो में भीड़ को कार को घेरे हुए देखा गया. कुछ लोगों ने उसे बाहर से इशारा कर दरवाजा खोलने के लिए गाइड करने की कोशिश की लेकिन उसने रोना बंद नहीं किया. अंत में एक आदमी उस दरवाजे को खोलने में कामयाब रहा. कुछ पुलिसवाले भी वाकी-टॉकी के साथ वहां पर देखे गए.
यह ''बचाव अभियान'' जब चल ही रहा था तब तक बच्ची के माता-पिता अंदर से खाकर बाहर निकले. वीडियो के मुताबिक बच्ची को लॉक कार में अकेला छोड़ने से गुस्साई भीड़ ने दंपति की पिटाई कर दी.
दंपति ने अपने बचाव में दलील देने की कोशिश करते हुए कहा कि वे अपनी सोती बच्ची को जगाना नहीं चाहते थे. लेकिन जब उनको किसी तरफ से कोई सहानुभूति नहीं मिली तो वे गाडी स्टार्ट कर चले गए.
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