केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया. बजट का शेयर बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है. भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी बुधवार को बढ़ते के साथ खुले. वहीं इस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोज़गारी दोनों को और बढ़ाता है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ''भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं, निराशा बढ़ती है, क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है.''
भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2023
भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।
उधर, फ़िल्म अभिनेता और टीएमसी के सांसद शत्रुध्न सिन्हा ने कहा कि बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी खास नहीं है. यह चुनावी बजट है.
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है...टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है. लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है. सबको कुछ न कुछ दिया गया है. डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना, अब हम इस पर बात करेंगे, जब मौका आएगा.
बजट पर कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इसमें केवल शब्दों की बाजीगरी है और कुछ भी नहीं. यह बजट आम लोगों के लिए नहीं है. यह पहला बजट है, जिसमें किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है. कर्नाटक में चुनाव है, इस कारण उसको पैसा दिया गया है. रिश्वत दिया गया है, लेकिन लोग उसके झांसे में नहीं आएंगे.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे, जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए, जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद.
1. देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद। 1/4
— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2023
कांग्रेस ने बेहद रोचक तरीके से आलोचना की है. इसका कैप्शन लिखा गया है-'बजट खत्म हुआ'. हालांकि, इसमें बजट पर विस्तार से कुछ नहीं है.
बजट खत्म हुआ
— Congress (@INCIndia) February 1, 2023
Claim Reality pic.twitter.com/MEDSXINZHR
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि बजट किसी के लिए राहत नहीं लाई. इसमें रोज़गार के लिए कुछ नहीं है. किसान के लिए कुछ नहीं है, जबकि बहुत उम्मीद बहुत थी, क्योंकि ये चुनाव से पहले आख़िरी पूर्ण बजट था. ग़रीबों को सिर्फ पेट भरने की नहीं, बच्चों की पढ़ाई की फीस आदि की भी ज़रूरत होती है. कोई ख्याल नहीं रखा गया है. इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने का मक़सद सिर्फ़ पुराने टैक्स स्कीम से लोगों को नए टैक्स स्कीम की तरफ़ ले जाने का है.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ये सिर्फ़ वन टाइम ऑपरचुनिटी है. महिलाओं के लिए दूरगामी तौर पर कुछ नहीं किया गया है. ग़रीबों को सिर्फ मुफ़्त अनाज नहीं चाहिए. उनको अपने बच्चों के लिए रोज़गार चाहिए. इसकी कोई बात नहीं की गई है. टैक्स स्लैब में बदलाव भी भरमाने वाला है. पहले 5 लाख तक आमदनी वालों को रिटर्न से छूट थी. अब उनकी कंप्लायंस बढ़ा दी गई है. स्लैब में मात्र 50,000 की बढ़ोतरी हुई है. तीन लाख से ऊपर वालों को तो टैक्स देना ही है.
कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने कहा कि महिलाओं को झुनझुना दिया गया है. कितनी महिलाएं हैं, जिनकी बचत दो लाख है, जिसपर वे 7.5 % ब्याज लेंगी? ये चुनावी बजट है. हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर का बजट कम कर किया है. किसान की आय कहां से दोगुनी कर पाएंगे?
टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि इस बजट में कुछ भी नहीं है. केवल पीएम को सामने रखकर बजट बनाया गया है. हम लोगों को आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं दिखा. राज्यों के लिए भी कुछ भी नहीं है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं. उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी. बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं. शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण. स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक."
इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं। उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 1, 2023
बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं।
शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण
स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए आवंटन के लिए सराहना की गई थी. आज हकीकत सामने है. वास्तविक व्यय बजट की तुलना में काफी कम है. यह मोदी की हेडलाइन प्रबंधन की ओपीयूडी रणनीति है -ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलिवर."
Last year's Budget drew applause for allocation towards agriculture, health, education, MGNREGA & welfare of SCs. Today the reality is evident. Actual expenditure is substantially LOWER than budgeted. This is Modi's OPUD strategy of headline management—Over Promise, Under Deliver
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 1, 2023
यह भी पढ़ें-
New Income Tax Regime : जानें क्या है नया टैक्स स्लैब, 7 लाख से कम आय पर नहीं लगेगा इनकम टैक्स
Union Budget 2023 Live Updates: अब तीन लाख सालाना सभी को मिलेगी आयकर में छूट
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं