भारत में लोकतंत्र को खतरे के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर सोमवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. इस वजह से हुए हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 25 मिनट के भीतर ही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद भी संसद में नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा. राहुल गांधी के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस नेता को विदेशी धरती पर भारत और इसके लोकतंत्र का अपमान करने का अधिकार किसने दिया?
भूपेंद्र यादव ने कहा, "बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन कांग्रेस नेताओं ने गैर-जिम्मेदार रवैया अपनाया. उनके नेता ने लंदन में जाकर गलत बयानी की, लोकतंत्र को लेकर गलत बात कही, उनका जो दुराग्रह है. भारत के संसद का उन्होंने विदेश में जाकर अपमान किया. आज यही बात कांग्रेस सदस्यों के संसद में आचरण में भी नजर आया. राहुल गांधी ने लंदन में जाकर ना केवल लोकतंत्र पर सवाल खड़ा किया, बल्कि गलत आरोप लगाया. संसद में 40 मिनट तक उन्होंने बोला, सरेआम झूठा आरोप लगाया कि उनका माइक बंद किया गया. यह एक ऐसा कार्य है, जो संसद सदस्य को तो मान नहीं देता. सारे सांसद इस बात पर आहत हैं, चाहे वो किसी भी दल के हों."
उन्होंने कहा, "आज कांग्रेस ने जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई बीएसी की बैठक का बहिष्कार किया, यह निंदनीय है. कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या लंदन में भारतीय संसद के मामले में झूठ बोलना और अपमानित करना उचित है? क्या अपने देश के लोकतंत्र के लिए विदेशी ताकतों को आमंत्रित करना उचित है? क्या संसद की कार्यवाही को बाधित करना उचित है? बजाय अपनी गलती पर माफी मांगने के उल्टा अकड़ कर संसद की कार्यवाही को बाधित करना उचित है? कांग्रेस जो स्वस्थ लोकतंत्र में आचरण करना चाहिए उसको भूल गई है."
गौरतलब है कि राहुल ने ब्रिटेन के मशहूर शिक्षण संस्थान कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए व्याख्यान में यह आरोप लगाया था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं.
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