यह तस्वीर 2006 में स्पैनिश फोटोग्राफर जेवियर मोरयानो द्वारा ली गई थी
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्रालय अक्सर किसी ना किसी कारण से सुर्खियों में रहता है लेकिन, मंगलवार को मंत्रालय द्वारा की गई गड़बड़ी के कारण वह सोशल मीडिया में छाया रहा. गड़बड़ी भी कोई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि अपनी सालाना रिपोर्ट में मंत्रालय ने स्पेन-मोरक्को की सीमा को भारत और पाकिस्तान की सीमा बता दिया.
मामले के सामने आने के बाद गृह सचिव ने अधिकारियों से सफ़ाई मांगी है और कहा कि अगर मंत्रालय की ओर से यह गलती हुई है तो वह उसके लिए माफी मांगेंगे.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि कोई ज़रूरत नहीं थी इन तस्वीरों के इस्तेमाल करने की. हमारी सीमा की भी कई अच्छी तस्वीरें हैं. उन्होंने कहा कि वे पता लगा रहे हैं कि ये तस्वीर कहां से ली गईं और अगर ग़लत हुई तो माफ़ी मांग लेंगे.
गृह सचिव ने इस मामले पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से भी सफाई मांगी है. दरअसल, भारत-पाकिस्तान सीमा की तस्वीरें अक्सर बीएसएफ ही मुहैया करवाती है.
पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही घुसपैठ को रोकने के लिए भारत ने अपनी सरहद पर फ़्लड लाइट्स लगाई हैं. मंत्रालय की ओर से इन फ्लड लाइट्स के बारे में 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में जानकारी दी गई. लेकिन सीमा पर फ्लड लाइट्स की जानकारी देने के लिए जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया वे स्पेन-मोरक्को सीमा की हैं.
मंत्रालय की किरकरी इसलिए भी हुई क्योंकि, जिस तस्वीर को भारत-पाकिस्तान सीमा बताया गया है, वह फोटो 2006 में स्पैनिश फोटोग्राफर जेवियर मोरयानो द्वारा ली थी. यह तस्वीर अफ्रीका के नॉर्थ कोस्ट पर मोरक्को और स्पेन सीमा पर फ्लड लाइट्स और फेंसिंग को दिखाते हुए खींची गई थी.
अपनी वार्षिक रिपोर्ट में मंत्रालय ने लिखा है कि भारतीय क्षेत्र में आतंकियों और अप्रवासियों की घुसपैठ को रोकने के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती हुई भारत की 647 किलोमीटर की सीमा पर फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं.
मामले के सामने आने के बाद गृह सचिव ने अधिकारियों से सफ़ाई मांगी है और कहा कि अगर मंत्रालय की ओर से यह गलती हुई है तो वह उसके लिए माफी मांगेंगे.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि कोई ज़रूरत नहीं थी इन तस्वीरों के इस्तेमाल करने की. हमारी सीमा की भी कई अच्छी तस्वीरें हैं. उन्होंने कहा कि वे पता लगा रहे हैं कि ये तस्वीर कहां से ली गईं और अगर ग़लत हुई तो माफ़ी मांग लेंगे.
गृह सचिव ने इस मामले पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से भी सफाई मांगी है. दरअसल, भारत-पाकिस्तान सीमा की तस्वीरें अक्सर बीएसएफ ही मुहैया करवाती है.
पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही घुसपैठ को रोकने के लिए भारत ने अपनी सरहद पर फ़्लड लाइट्स लगाई हैं. मंत्रालय की ओर से इन फ्लड लाइट्स के बारे में 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में जानकारी दी गई. लेकिन सीमा पर फ्लड लाइट्स की जानकारी देने के लिए जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया वे स्पेन-मोरक्को सीमा की हैं.
मंत्रालय की किरकरी इसलिए भी हुई क्योंकि, जिस तस्वीर को भारत-पाकिस्तान सीमा बताया गया है, वह फोटो 2006 में स्पैनिश फोटोग्राफर जेवियर मोरयानो द्वारा ली थी. यह तस्वीर अफ्रीका के नॉर्थ कोस्ट पर मोरक्को और स्पेन सीमा पर फ्लड लाइट्स और फेंसिंग को दिखाते हुए खींची गई थी.
अपनी वार्षिक रिपोर्ट में मंत्रालय ने लिखा है कि भारतीय क्षेत्र में आतंकियों और अप्रवासियों की घुसपैठ को रोकने के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती हुई भारत की 647 किलोमीटर की सीमा पर फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं.
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