दादरी में पिछले दिनों भीड़ ने गोमांस की अफवाह पर एक शख्स की हत्या कर दी थी
नई दिल्ली:
देश के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक घटनाओं में इजाफे के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों को परामर्श जारी कर धार्मिक भावनाएं भड़काकर धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
मंत्रालय इस तरह के मामलों को देखने वाले अपने एक अहम विभाग के लिए कोष बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, कानून व्यवस्था मूल रूप से राज्य का विषय है, लेकिन गृह मंत्रालय दादरी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना समेत देश भर में सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी अनेक घटनाओं को लेकर चिंतित है। वक्तव्य के मुताबिक इसी क्रम में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया।
दादरी की घटना पर गृह मंत्रालय ने 1 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। हालांकि राज्य सरकार ने अभी गृह मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है, जिस वजह से सोमवार को मंत्रालय ने रिपोर्ट भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को रिमाइंडर भेजा।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 2015-16 के बजट में गृह मंत्रालय के मानवाधिकार विभाग को कोई धन आवंटित नहीं किया गया। हम अब इसे धन उपलब्ध कराने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। 'मानवाधिकार विभाग' मानवाधिकार कानून के संरक्षण से जुड़े मामलों और राष्ट्रीय अखंडता तथा सांप्रदायिक सौहार्द एवं अयोध्या से संबंधित विषयों को देखता है। देश में जून, 2015 तक 330 सांप्रदायिक घटनाएं घटीं, जिनमें 51 लोगों की जान चली गई।
मंत्रालय इस तरह के मामलों को देखने वाले अपने एक अहम विभाग के लिए कोष बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, कानून व्यवस्था मूल रूप से राज्य का विषय है, लेकिन गृह मंत्रालय दादरी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना समेत देश भर में सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी अनेक घटनाओं को लेकर चिंतित है। वक्तव्य के मुताबिक इसी क्रम में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया।
दादरी की घटना पर गृह मंत्रालय ने 1 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। हालांकि राज्य सरकार ने अभी गृह मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है, जिस वजह से सोमवार को मंत्रालय ने रिपोर्ट भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को रिमाइंडर भेजा।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 2015-16 के बजट में गृह मंत्रालय के मानवाधिकार विभाग को कोई धन आवंटित नहीं किया गया। हम अब इसे धन उपलब्ध कराने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। 'मानवाधिकार विभाग' मानवाधिकार कानून के संरक्षण से जुड़े मामलों और राष्ट्रीय अखंडता तथा सांप्रदायिक सौहार्द एवं अयोध्या से संबंधित विषयों को देखता है। देश में जून, 2015 तक 330 सांप्रदायिक घटनाएं घटीं, जिनमें 51 लोगों की जान चली गई।
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