हेमंत बिश्व शर्मा साल 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे
नई दिल्ली:
असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनाने के पीछे जिन पूर्व कांग्रेसी नेता हेमंत बिस्वा शर्मा का हाथ माना जाता है उन्होंने आज एक बार फिर से अपनी पुराना पार्टी पर हमला बोला है. एनडीटीवी से खास बातचीत में हिमंत ने कहा कि उनको कांग्रेस छोड़ने के पीछे कोई मलाल नहीं है. दो साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हिमंत बिश्वा ने कहा कि उनके इस फैसले के पीछे राहुल गांधी का नेतृत्व था. हेमंत बिश्वा ने कहा 'बीजेपी में आपसे कभी कोई यह नहीं पूछेगा कि आपका पिता कौन है. क्या कांग्रेस में कभी कोई नरेंद्र मोदी या अमित शाह जैसा नेता अगुवा बन सकता है. कम से कम 1 हजार साल तक तो नहीं.' वहीं रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर हेमंत बिश्वा ने केंद्र सरकार के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं वो सभी अवैध प्रवासी हैं.
पढ़ें : बीजेपी की असम में जीत के 'असली हीरो'
आपको बता दें कांग्रेस आलाकमान से निराश होकर हेमंत बिश्वा साल 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए थे और 2016 में हुए असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्हीं की मदद से ही बीजेपी असम के अलावा उत्तर पूर्व के दो और राज्य अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी सरकार बनाने में कामयाब हो पाई थी.
वीडियो : रोहिंग्याओं के समर्थन में बीजेपी नेता को मिली सजा
गौरतलब है कि कांग्रेस छोड़ते समय उन्होंने आरोप लगाया था कि वह दिल्ली में असम कांग्रेस की मुश्किलों पर चर्चा करने के लिए राहुल गांधी से मिले तो वह उनसे बातचीत करने करने के बजाए अपने कुत्ते से खेलने में ही व्यस्त रहे.
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आपको बता दें कांग्रेस आलाकमान से निराश होकर हेमंत बिश्वा साल 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए थे और 2016 में हुए असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्हीं की मदद से ही बीजेपी असम के अलावा उत्तर पूर्व के दो और राज्य अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी सरकार बनाने में कामयाब हो पाई थी.
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गौरतलब है कि कांग्रेस छोड़ते समय उन्होंने आरोप लगाया था कि वह दिल्ली में असम कांग्रेस की मुश्किलों पर चर्चा करने के लिए राहुल गांधी से मिले तो वह उनसे बातचीत करने करने के बजाए अपने कुत्ते से खेलने में ही व्यस्त रहे.
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