हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में एक अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला शुक्रवार को किया. सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है.
बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में ओपीएस लागू करने को मंजूरी दी गई और इससे राज्य सरकार पर 1,000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ बढ़ेगा.
बयान के अनुसार, कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम, 2021 और हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान नियम, 2022 को समाप्त करने को भी मंजूरी दी. इसके तहत आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को 11 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जाता था.
बयान के अनुसार, कैबिनेट ने तय किया कि कर्मचारियों को सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) के दायरे में लाया जाएगा.
उसमें कहा गया है, 15 मई, 2003 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना के अधिकारियों को भी संभावित तारीख से पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाएगी. बयान के मुताबिक, कैबिनेट के इस फैसले से वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार पर 1,000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ बढ़ेगा.
सुक्खू ने कहा कि नियमों में आवश्यक संशोधन करने के बाद यह फैसला लिया गया है.
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