Happy Raksha Bandhan 2021: रक्षाबंधन के अवसर पर उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple) के पुजारियों ने रविवार को सुबह 3 बजे 'भस्म आरती' (Bhasma Aarti) की और बाबा महाकाल (Mahakal) को राखी (Rakhi 2021) बांधी. कोविड-19 महामारी के चलते भस्म आरती में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया, लेकिन सुबह पांच बजे के बाद मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया. उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे महत्वपूर्ण है और मान्यता है कि इस अवसर पर पहली राखी बाबा महाकाल को ही बांधी जाती है.
भस्म आरती से पहले ज्योतिर्लिंग का जल से स्नान कराया गया और महा पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस का मिश्रण) से अभिषेक किया गया. बाबा महाकाल को भी वस्त्र और आभूषणों से सजाया गया और चंदन चढ़ाया गया.
अभी तक नहीं खुले खाटूश्याम और बालाजी मंदिर, वैष्णो देवी के लिए चल रही है स्पेशल ट्रेन
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी संजय ने कहा, 'हमने सुबह भस्म आरती की और महाकाल को रक्षाबंधन की पहली राखी बांधकर त्योहार मनाया. उसके बाद लड्डू का भोग लगाया गया.'
इस अवसर पर एक श्रद्धालु मुदिता शर्मा ने कहा, 'हम यहां रक्षाबंधन के अवसर पर बाबा महाकाल को राखी बांधने के लिए आए हैं. हम प्रार्थना करते हैं कि जैसे ही हम उन्हें (बाबा महाकाल) को राखी बांधते हैं, वह पूरी दुनिया का ख्याल रखते हैं. हम प्रार्थना करते हैं कि कोविड-19 महामारी में वह हम सभी का ख्याल रखें और उनके मंदिर के दरवाजे एक बार फिर से सभी के लिए खुल रहें.
रक्षाबंधन सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों में से एक है. इस दिन बहनें परंपरागत रूप से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और दोनों की ओर से उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं